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नयी दिल्ली, 16 जून (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी...

सुकांत मजूमदार के खिलाफ ‘सिख व्यक्ति पर चप्पल फेंकने’ के मामले में प्राथमिकी दर्ज

Newsसुकांत मजूमदार के खिलाफ ‘सिख व्यक्ति पर चप्पल फेंकने’ के मामले में प्राथमिकी दर्ज

कोलकाता, 15 जून (भाषा) पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने रविवार को दावा किया कि केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुकांत मजूमदार के खिलाफ कोलकाता के एक पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उन्होंने एक सिख व्यक्ति पर चप्पल फेंकी जो उसकी पगड़ी पर लगी।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस आरोप को खारिज करते हुए दावा किया कि यह केवल विरोध प्रदर्शन में इस्तेमाल की गई एक कागज की प्रतिकृति थी।

दक्षिण कोलकाता के कालीघाट पुलिस थाने में 13 जून को दर्ज प्राथमिकी में दावा किया गया है कि 12 जून को मजूमदार (जो प्रदेश भाजपा अध्यक्ष हैं) ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास के पास हाजरा रोड और हरीश चटर्जी स्ट्रीट को जोड़ने वाले चौराहे पर सार्वजनिक स्थान पर एक चप्पल फेंकी थी।

तृणमूल कांग्रेस ने प्राथमिकी की प्रति साझा करते हुए ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘शिकायतकर्ता, जो एक सिख व्यक्ति है, ने आरोप लगाया कि यह मजूमदार की ओर से जानबूझकर किया गया कृत्य था, जिससे ‘‘धार्मिक मान्यताओं का अपमान हुआ और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची और उस पर हमला हुआ’’।

तृणमूल द्वारा सोशल मीडिया मंच पर साझा की गई प्राथमिकी की प्रति की ‘पीटीआई-भाषा’ पुष्टि नहीं करता।

सोशल मीडिया मंच पर साझा की गई प्राथमिकी की प्रति के मुताबिक, यह भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (किसी व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से की जाने वाली कार्रवाई से उसे सुरक्षा प्रदान करना) और 115(2) (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) के तहत दर्ज की गई है।

पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल ने दावा किया कि सिख समुदाय ने मजूमदार के खिलाफ ‘‘उचित गुस्से के साथ प्रतिक्रिया व्यक्त की है’’।

तृणमूल ने ‘एक्स’ पर जारी पोस्ट में कहा, ‘‘उन्होंने तत्काल और बिना शर्त माफी की मांग की है और चेतावनी दी है कि अगर उनकी आवाज को नजरअंदाज किया गया तो वे व्यापक विरोध प्रदर्शन करेंगे।’’

इस आरोप को खारिज करते हुए भाजपा के राज्यसभा सदस्य समिक भट्टाचार्य ने कहा कि यह महज एक विरोध प्रदर्शन में इस्तेमाल की गई कागज की प्रतिकृति थी। उन्होंने कहा, ‘‘एक मनगढ़ंत कहानी फैलाकर सिख लोगों का अपमान किया जा रहा है।’’

उन्होंने सिख समुदाय के प्रति भाजपा नेताओं द्वारा व्यक्त किये गए सम्मान को रेखांकित करते हुए कहा, ‘‘मजूमदार और हमारे जैसे लोगों को जो प्रशिक्षण मिला है, उससे हम गुरु तेग बहादुर और गुरु गोबिंद सिंह के बलिदान के बारे में सीखते हुए बड़े हुए हैं।’’

मजूमदार और अन्य नेताओं को 12 जून को महेशतला जाते समय पुलिस ने रोक दिया था, जिसके बाद उन्होंने कोलकाता के कालीघाट इलाके में मुख्यमंत्री के आवास के पास विरोध प्रदर्शन किया था, जो हमेशा चप्पल पहनने के लिए जानी जाती हैं।

मजूमदार ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा था, ‘‘कल ही, वही पश्चिम बंगाल पुलिस रवींद्रनगर में कट्टरपंथी जिहादियों के सामने आत्मसमर्पण करने के लिए सफेद कपड़े लहराने के लिए मजबूर हुई थी – रीढ़विहीन, असहाय और अपमानित। और आज, अचानक, वे योद्धा प्रतीत होते हैं – जो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आधिकारिक आदेशों का अंध आज्ञाकारिता के साथ उत्साहपूर्वक पालन कर रहे हैं, दासता में डूबे हुए हैं!’’

उन्होंने कहा, ‘‘ आज, जब हम हमले का सामना करने वाले हिंदुओं के साथ खड़े होने के लिए महेशतला की ओर बढ़े, तो प्रशासन ने धारा 163 का हवाला देते हुए हमारा रास्ता रोक दिया। जब हम बाद में कालीघाट, मुख्यमंत्री के आवास पर उनकी चुप्पी और तुष्टीकरण की राजनीति पर सवाल उठाने गए, तो उनकी वफादार कोलकाता पुलिस ने हम पर उनके निजी गुलामों की तरह हमला किया – आंख मूंदकर अपने मालिक का बचाव करते हुए।’’

मजूमदार ने कहा, ‘‘दिनदहाड़े हमारे नेताओं और बंगाल के भाजपा कार्यकर्ताओं को बेशर्मी से गिरफ्तार किया गया – यह प्रशासनिक अत्याचार का खुला प्रदर्शन है।’’

भाषा धीरज संतोष

संतोष

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