शिवसागर, 15 जून (भाषा) असम के शिवसागर जिले में ऊर्जा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) के एक कुएं में गैस का रिसाव चौथे दिन भी जारी रहा। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि 70 परिवारों को राहत शिविर में पहुंचाया गया है।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि सरकार इस रिसाव को लेकर चिंतित है, जिस पर अभी तक काबू नहीं पाया जा सका है।
उन्होंने डिब्रूगढ़ में संवाददाताओं से कहा, “मुख्य सचिव ने कंपनी के अधिकारियों से बात की है। हम ओएनजीसी के संपर्क में हैं और हमें पता चला है कि और विशेषज्ञ मौके पर पहुंच गए हैं।”
ओएनजीसी के निदेशक (प्रौद्योगिकी एवं फील्ड सेवाएं) विक्रम सक्सेना के नेतृत्व में एक टीम ने शनिवार को कुआं संख्या आरडीएस 147 का परिचालन नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया, जहां रिसाव शुरू हुआ था।
एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “कुएं को नष्ट करने की प्रक्रिया जारी है और हमने इसके लिए सभी आवश्यक उपकरण जुटा लिए हैं। संकट प्रबंधन दल (सीएमटी) रिसाव को नियंत्रित करने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रहा है।”
उन्होंने बताया कि कुएं में अभी तक आग नहीं लगी है और इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है।
यह गैस रिसाव 12 जून को भाटियापार के बारीचुक में ओएनजीसी के रुद्रसागर तेल क्षेत्र के रिग संख्या एसकेपी 135 के कुआं संख्या आरडीएस 147 में हुआ था। एक निजी फर्म एसके पेट्रो सर्विसेज, सार्वजनिक क्षेत्र की ‘महारत्न’ कंपनी की ओर से कुएं का संचालन कर रही थी।
ओएनजीसी ने एक बयान में कहा, “एक व्यापक नियंत्रण योजना तैयार की गई है, तथा आवश्यक कनेक्शनों की सफल स्थापना और परीक्षण के बाद पम्पिंग परिचालन शुरू हो गया है।”
इसमें कहा गया है कि ओएनजीसी असम एसेट और शिवसागर जिला प्रशासन की एक संयुक्त टीम स्थानीय निवासियों के साथ सक्रिय रूप से संपर्क में है, जिन्हें एहतियाती सुरक्षा उपाय के तौर पर आस-पास के इलाकों से निकाला गया है।
शिवसागर जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस घटना से करीब 1,500 लोग प्रभावित हुए हैं।
उन्होंने कहा, “उन्हें गैस की गंध आ रही है और वे अपना चूल्हा या कुछ भी नहीं जला पा रहे हैं। हम उन्हें पका हुआ भोजन उपलब्ध करा रहे हैं और स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं।”
जिला प्रशासन ने सोशल मीडिया मंच फेसबुक पर कहा कि इस क्षेत्र से 70 परिवारों को निकटवर्ती बनगांव में स्थापित राहत शिविर में स्थानांतरित कर दिया गया है तथा उनकी सुविधा के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए जा रहे हैं।
प्रशासन ने कहा, “फिलहाल स्वास्थ्य विभाग और पशुपालन विभाग के चिकित्सक मौके पर मौजूद हैं। वे लोगों और उनके पालतू जानवरों की स्वास्थ्य स्थिति की जांच कर रहे हैं।”
इससे पहले, ओएनजीसी के एक अधिकारी ने कहा था कि यह एक पुराना कच्चा तेल कुआं था जिसमें उत्पादन नहीं हो रहा था।
भाषा
प्रशांत नरेश
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