(फाइल फोटो के साथ)
पालघर (महाराष्ट्र), 16 जून (भाषा) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि पुणे में इंद्रायणी नदी पर बने लोहे के पुल को जिलाधिकारी ने खतरनाक घोषित किया था और उस पर चेतावनी बोर्ड भी लगाए गए थे।
पुणे के मावल तहसील में इंद्रायणी नदी पर बना लोहे का एक पुल रविवार दोपहर ढह जाने से चार लोगों की मौत हो गई थी और 18 अन्य गंभीर रुप से घायल हो गये थे। बत्तीस साल पुराना यह लोहे का पुल उस पर अधिक संख्या में पर्यटकों के मौजूद होने के कारण ढह गया था।
पालघर में एक कार्यक्रम में संवाददाताओं से बातचीत में फडणवीस ने कहा कि मावल तहसील में घटनास्थल पर एक नया पुल बनाने का ठेका दिया गया था और काम शुरू हो चुका है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि पुल को घटना से पहले ही जिलाधिकारी ने खतरनाक घोषित कर दिया था और ग्रामीणों ने भी चेतावनी बोर्ड लगाए थे।
उन्होंने बताया कि पर्यटकों को पुल की स्थिति की गंभीरता का शायद पता नहीं था।
उन्होंने कहा कि प्रशासन ने मानसून के मौसम के लिए पुणे जिले में पुलों तथा जलाशयों समेत 500 खतरनाक स्थानों की पहचान की थी।
फडणवीस ने कहा, ‘‘अधिसूचनाएं जारी कर दी गयी हैं और कुछ स्थानों पर पुलिस को तैनात किया गया है, जबकि ग्रामीण भी लोगों को सतर्क कर रहे हैं। हमें अधिक सतर्कता के साथ इससे निपटना होगा।’’
फडणवीस ने कहा कि उन्होंने जिलाधिकारी को इन संवेदनशील पर्यटक स्थलों पर सुरक्षा उपाय लागू करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने दुर्वेश में जिला परिषद स्कूल में नए अकादमिक सत्र के पहले दिन छात्रों के स्वागत समारोह में भाग लिया।
उन्होंने छात्रों के कल्याण के लिए सरकार के समग्र दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला, जिसमें नि:शुल्क पोशाक और मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराना शामिल है।
फडणवीस ने कहा कि वाढवण बंदरगाह परियोजना पालघर की सूरत बदल देगी और लगभग 10 लाख नौकरियां पैदा करेगी।
उन्होंने कहा कि पालघर के मछुआरे और आदिवासी समुदाय प्राथमिक लाभार्थी होने चाहिए और सरकार इस दिशा में काम कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय लोगों को भविष्य की भूमिकाओं के लिए तैयार करने के वास्ते प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण और कौशल विकास पर केंद्रित छह समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
भाषा
गोला दिलीप
दिलीप