भोपाल, 17 जून (भाषा) कांग्रेस ने मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ में डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा स्थापित करने की राह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर रोड़े अटकाने का आरोप लगाते हुए इसके खिलाफ प्रदेश भर में जन-जागरण अभियान चलाने की घोषणा की है।
राजधानी भोपाल स्थित कांग्रेस कार्यालय में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, कांग्रेस महासचिव और मध्यप्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के अलावा राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मंगलवार को एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की।
कांग्रेस नेताओं ने ग्वालियर में हाल ही में लगाए गए पोस्टरों और होर्डिंग्स का हवाला देते हुए यह आरोप भी लगाया कि आरएसएस और भाजपा के इशारे पर संविधान निर्माता के रूप में आंबेडकर के योगदान को नकारने के प्रयास हो रहे हैं।
ज्ञात हो कि इन पोस्टरों और होर्डिंग्स में पूर्व नौकरशाह एवं संविधान सभा के संवैधानिक सलाहकार बी एन राव को संविधान के प्रमुख शिल्पकार के रूप में पेश किया गया है और सवाल उठाया गया है कि संविधान निर्माण अनेक विभूतियों का योगदान है, फिर एक व्यक्ति का गुणगान क्यों?
कांग्रेस की मध्यप्रदेश इकाई के प्रभारी चौधरी ने कहा कि ग्वालियर उच्च न्यायालय परिसर में आंबेडकर की प्रतिमा स्थापना पर विवाद उत्पन्न करना दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने कहा, ‘‘एक सोची-समझी साजिश के तहत संविधान के निर्माता के योगदान पर सवाल उठाए जा रहे हैं। आरएसएस के नागपुर मुख्यालय से इस तरह के विवादों की शुरुआत हो रही है।’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर जनता के बीच मजबूती से अपनी बात रखेगी और बाबासाहेब के सम्मान की रक्षा करेगी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पटवारी ने आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश में भाजपा और आरएसएस बाबासाहेब आंबेडकर का अपमान करने की ‘साजिश’ रच रहे हैं।
पटवारी ने कहा, ‘‘ग्वालियर में पोस्टर के माध्यम से यह प्रचार किया जा रहा है कि बाबासाहेब संविधान के निर्माता नहीं थे।’’
उन्होंने कहा कि आंबेडकर और संविधान के सम्मान में कांग्रेस प्रदेश भर में व्यापक जन जागरण अभियान चलाएगी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने बताया कि इसके तहत 23 जून को पार्टी के नेता और कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों से चर्चा करेंगे तथा 24 जून को गरीब बस्तियों में संविधान पर चर्चा के साथ ही सहभोज का आयोजन भी करेंगे।
पटवारी ने घोषणा की कि 25 जून को ग्वालियर में पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता एकदिवसीय उपवास पर बैठेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि आंबेडकर को संविधान सभा का अध्यक्ष बनाए जाने का निर्णय महात्मा गांधी की सलाह पर लिया गया, ताकि उत्पीड़ित वर्ग का प्रतिनिधित्व हो।
सिंह ने कहा, ‘‘बी एन राव केवल सलाहकार थे, न कि संविधान सभा के सदस्य। उनके नाम पर बाबासाहेब के योगदान को नकारना गलत है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आरएसएस ने संविधान जलाया और तिरंगे का विरोध किया, अब बाबासाहेब की प्रतिमा स्थापित करने और उनके योगदान का विरोध कर रहा है।’’
उन्होंने भाजपा पर इस मुद्दे पर चुप्पी साधे रखने का आरोप लगाया और कहा कि इससे उसका ‘दोहरा चरित्र’ भी उजागर होता है।
नेता प्रतिपक्ष सिंघार ने आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस देश का इतिहास बदलने और वर्ग संघर्ष को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे हैं तथा बाबासाहेब को उनके दलित वर्ग से होने के कारण निशाना बनाया जा रहा है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता फूल सिंह बरैया ने इस अवसर पर कहा कि बाबासाहेब के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल और संविधान को बदलने की बात दुर्भाग्यपूर्ण है।
भाषा
ब्रजेन्द्र, रवि कांत रवि कांत