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Wednesday, June 18, 2025

“नायडू सरकार का बड़ा फैसला: सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर लगेगी पूर्ण रोक”

Fast News"नायडू सरकार का बड़ा फैसला: सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर लगेगी पूर्ण रोक"

अमरावती (आंध्र प्रदेश), 17 जून (भाषा) आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने मंगलवार को राज्य के चार प्रमुख शहरों विशाखापत्तनम, विजयवाड़ा, तिरुपति और राजमुंदरी के साथ-साथ 17 अन्य नगर निगमों में दो अक्टूबर से एकल इस्तेमाल वाले प्लास्टिक पर रोक लगाने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने इन स्थानों पर कपड़े के थैलों के उपयोग को बढ़ाने का आह्वान किया और अधिकारियों को 87 शहरी स्थानों पर 157 ‘रिड्यूस-रीयूज-रीसाइकिल’ केंद्र स्थापित करने का निर्देश दिया।

यहां जारी आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘‘ मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये हैं कि इस साल दो अक्टूबर तक चार प्रमुख शहरों विशाखापत्तनम, विजयवाड़ा, तिरुपति और राजमुंदरी के साथ-साथ 17 अन्य नगर निगमों में एकल-इस्तेमाल वाले प्लास्टिक पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया जाए।’’

तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के अध्यक्ष नायडू ने चक्रीय अर्थव्यवस्था पहल की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को दो महीने के भीतर इस विषय पर एक नयी नीति तैयार करने का निर्देश दिया, जिससे राज्य में अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्धता के संकेत मिले।

यहां जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस दृष्टिकोण के तहत, एक वर्ष के भीतर राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में तीन चक्रीय अर्थव्यव्स्था पार्क स्थापित किए जाएंगे और अपशिष्ट से ऊर्जा बनाने वाले संयंत्रों में आधुनिक मशीनों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को 90 दिनों के भीतर अपशिष्ट पृथक्करण पर एक कार्य योजना प्रस्तुत करने का निर्देश दिया और अपशिष्ट से धन सृजन और संसाधनों के पुनः उपयोग पर मंथन किया।

बयान के मुताबिक, पहले चरण में विशाखापत्तनम में 400 एकड़ में एक पार्क स्थापित किया जाएगा, जिसे अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप डिजाइन किया जाएगा।

इसके मुताबिक, आंध्र प्रदेश में सालाना 36,588 टन बैटरी और ऑटोमोटिव अपशिष्ट, 61,996 टन प्लास्टिक और पीईटी बोतल अपशिष्ट, 23,928 लीटर इंजन और हाइड्रोलिक तेल अपशिष्ट और 59,654 टन टायर और रबर अपशिष्ट उत्पन्न होता है। इसी तरह, कृषि क्षेत्र में सालाना 40 लाख टन से अधिक अपशिष्ट उत्पन्न होता है, जबकि पशुधन, जलीय और मुर्गीपालन क्षेत्र में कुल मिलाकर 3.5 करोड़ टन अपशिष्ट उत्पन्न होता है।

बयान के मुताबिक, आंध्र प्रदेश में चक्रीय अर्थव्यवस्था मॉडल के प्रभावी कार्यान्वयन से राज्य के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में अन्य लाभों के अलावा सालाना अनुमानित 15,000 करोड़ रुपये की वृद्धि हो सकती है।

भाषा धीरज मनीषा

मनीषा

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