हैदराबाद/अमरावती, 17 जून (भाषा) तेलंगाना सरकार ने आंध्र प्रदेश सरकार की प्रस्तावित गोदावरी-बनकाचेरला (जी-बी) लिंक योजना के विरोध पर चर्चा करने के लिए 18 जून को राज्य के सांसदों की बैठक बुलाई है, जबकि पड़ोसी राज्य के सिंचाई मंत्री एन. रामानायडू ने कहा कि परियोजना से नदी के ऊपरी हिस्से वाले राज्यों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
तेलंगाना के सिंचाई मंत्री एन उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि सचिवालय में उनके कार्यालय में होने वाली इस बैठक में मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेंगे। बैठक में सिंचाई मंत्री इस विषय प्रस्तुतीकरण देंगे।
उन्होंने मंगलवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि बैठक में सभी दलों के सदस्यों से सुझाव आमंत्रित किए जाएंगे।
सरकार ने बैठक के लिए केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंडी संजय कुमार को भी आमंत्रित किया है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि सिंचाई मंत्री ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के सांसदों को पत्र भेजे हैं और फोन भी किया है।
उधर, आंध प्रदेश के सिंचाई मंत्री रामानायडू ने तेलंगाना द्वारा उठाई गई आपत्तियों का जवाब देते हुए कहा कि परियोजना में केवल पोलावरम में जमा होने वाले बाढ़ के पानी का उपयोग किया जाएगा।
रामानायडू ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘यह परियोजना केवल पोलावरम में जमा होने वाले बाढ़ के पानी का उपयोग करने के लिए है। इससे नदी के ऊपरी क्षेत्र के राज्यों को कोई नुकसान नहीं होगा और रायलसीमा को सिंचाई और पीने के पानी का लाभ होगा।’’
उन्होंने कहा कि वर्तमान में समुद्र में बह जाने वाले गोदावरी के अधिशेष पानी को रायलसीमा में भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि गोदावरी के पानी के बंटवारे में कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
रामानायडू ने परियोजना को समझाने के लिए एक प्रस्तुति दी, जिसमें इस बात पर प्रकाश डाला गया कि गोदावरी का लगभग 8,49,505 करोड़ लीटर पानी हर साल बंगाल की खाड़ी में बह जाता है।
तेलंगाना के सिंचाई मंत्री ने हाल ही में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल से आग्रह किया कि वे केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) को गोदावरी-बनकाचेरला (जी-बी) लिंक योजना के लिए आंध्र प्रदेश द्वारा प्रस्तुत व्यवहार्यता रिपोर्ट को अस्वीकार करने का निर्देश दें।
केंद्रीय मंत्री को 13 जून को लिखे पत्र में एन उत्तम कुमार रेड्डी ने दावा किया कि प्रस्तावित योजना 1980 के गोदावरी जल विवाद न्यायाधिकरण (जीडब्ल्यूडीटी) के निर्णय के साथ-साथ आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 का उल्लंघन करती है।
भाषा
खारी नरेश
नरेश