नयी दिल्ली, 17 जून (भाषा) इंटर काशी ने मंगलवार को अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के खिलाफ खेल पंचाट (कैस) में अपनी पहली अपील जीत ली। वाराणसी की इस टीम के इस साल की शुरुआत में हुए आईलीग मैच के लिए तीन अंक काट लिए गए थे।
खेल पंचाट के फैसले के बावजूद इंटर काशी को अभी आईलीग का खिताब नहीं मिलेगा।
एआईएफएफ की अपील समिति ने 18 अप्रैल को नामधारी एफसी के खिलाफ मैच से संबंधित एक मामले में इंटर काशी के खिलाफ फैसला सुनाया था और राष्ट्रीय महासंघ की अनुशासन समिति द्वारा दिए गए फैसले को खारिज कर दिया गया था। इंटर काशी ने नामधारी एफसी पर 13 जनवरी को हुए मैच में ‘अयोग्य खिलाड़ी’ को मैदान में उतारने का आरोप लगाया था।
अपील समिति के फैसले के बाद इंटर काशी 39 अंक के साथ आईलीग में दूसरे स्थान पर रहा जबकि गोवा के चर्चिल ब्रदर्स को 40 अंकों के साथ चैंपियन घोषित किया गया।
इंटर काशी ने एआईएफएफ अपील समिति के फैसले के खिलाफ 24 अप्रैल को स्विट्जरलैंड स्थित खेल पंचाट में अपील दायर की और दुनिया के शीर्ष खेल न्यायाधिकरण ने मंगलवार को क्लब के पक्ष में फैसला सुनाया।
खेल पंचाट में इंटर काशी की एक और अपील लंबित है और यह तय कर सकता है कि 2024-25 आईलीग चैंपियन कौन होगा। हालांकि एआईएफएफ ने अपनी अपील समिति के फैसले के आधार पर पहले ही चर्चिल ब्रदर्स को ट्रॉफी सौंप दी थी।
खेल पंचाट ने मंगलवार को अपने फैसले में कहा, ‘‘अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ की अपील समिति द्वारा 18 अप्रैल 2025 को जारी किए गए फैसले के खिलाफ इंटर काशी एफसी द्वारा 24 अप्रैल 2025 को दायर की गई अपील को बरकरार रखा गया है। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ की अपील समिति द्वारा 18 अप्रैल 2025 को जारी किए गए फैसले को रद्द किया जाता है।’’
यह फैसला तीन मध्यस्थों ने दिया। नीदरलैंड के फ्रैंस डी वेगर ने पीठ की अध्यक्षता की जबकि स्विट्जरलैंड के मिशेल एआर बर्नस्कोनी और ब्रिटेन के जेफरी जी बेन्ज इसके अन्य सदस्य थे।
पंचाट ने स्पष्ट किया, ‘‘प्राप्त शिकायत के आधार पर समिति का मानना है कि प्रतिवादी क्लब नामधारी एफसी ने सत्र में चार चेतावनियों के कारण आईलीग 2024-25 विनियमों के नियम 12.3.2 के अनुसार इंटर काशी एफसी के खिलाफ आईलीग 2024-25 के मैच नंबर 45 में निलंबन की अवधि पूरी किए बिना एक अयोग्य खिलाड़ी को मैदान में उतारा। ’’
पंचाट ने कहा, ‘‘उक्त मैच का नतीजा प्रतिवादी क्लब नामधारी एफसी के लिए अयोग्य खिलाड़ी को मैदान में उतारने के कारण मैच गंवाना (0-3 से हार) होगा।’’
इंटर काशी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर कहा कि वे खेल पंचाट के फैसले का स्वागत करते हैं।
मध्यस्थता का खर्चा खेल पंचाट कार्यालय विभिन्न पक्षों को अलग-अलग भेजेगा। इंटर काशी खर्चे का 20 प्रतिशत, एआईएफएफ 40 प्रतिशत, चर्चिल ब्रदर्स एफसी गोवा 20 प्रतिशत और नामधारी एफसी 20 प्रतिशत वहन करेगा।
खेल पंचाट ने एआईएफएफ को इंटर काशी को दो हजार स्विस फ्रैंक (लगभग 2.12 लाख रुपये) का भुगतान करने का निर्देश दिया जबकि चर्चिल ब्रदर्स और नामधारी एफसी को वाराणसी स्थित क्लब को ‘इन मध्यस्थ कार्यवाही के दौरान होने वाले कानूनी खर्चों और अन्य खर्चों के लिए कानूनी योगदान के रूप में’ एक हजार स्विस फ्रैंक (1.06 लाख रुपये) का भुगतान करना होगा।
इंटर काशी द्वारा खेल पंचाट में अपनी पहली अपील दायर करने के बाद एआईएफएफ अपील समिति ने वाराणसी स्थित क्लब के खिलाफ चर्चिल ब्रदर्स और रियल कश्मीर की याचिका पर इन दोनों क्लब के पक्ष में फैसला सुनाया गया। यह मामला इंटर काशी द्वारा खिलाड़ी मारियो बार्को के पुनः पंजीकरण से जुड़ा था।
इंटर काशी को चार अंक और गंवाने पड़े जिससे वह लीग में 35 अंक के साथ पांचवें स्थान पर रहा। चर्चिल और रियल कश्मीर के खाते में दो-दो अंक जुड़ गए। इंटर काशी ने फिर से खेल पंचाट में अपनी दूसरी अपील दायर की जिस पर अभी फैसला होना बाकी है।
खेल पंचाट के नवीनतम फैसले के बाद इंटर काशी चर्चिल (42 अंक) के बाद 38 अंक के साथ दूसरे स्थान पर होगा। यदि इंटर काशी अपनी दूसरी अपील जीत जाता है तो उसके 42 अंक हो सकते हैं जबकि चर्चिल को दो अंक का नुकसान हो सकता है।
भाषा सुधीर आनन्द
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