(अनन्या गुप्ता)
मुंबई, 17 जून (भाषा) चकाला स्थित मुक्तिधाम श्मशान में कैप्टन सुमित सभरवाल के अंतिम संस्कार के समय माहौल अत्यंत गमगीन था। एअर इंडिया के उनके दो सहकर्मी अपने मित्र और नायक ‘‘सैबी’’ को अंतिम विदाई देने पहुंचे थे, जिनकी मनमोहक मुस्कान सबका दिल जीत लेती थी।
सभरवाल अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रहे एअर इंडिया के उस विमान के पायलट थे, जो पिछले सप्ताह दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। विमान में सवार 242 लोगों में से 241 लोग मारे गए थे जबकि जमीन पर 29 लोग मारे गए थे।
एअर इंडिया के कैप्टन और सभरवाल के सहयोगी कपिल कोहल के लिए उस वक्त अपने आंसूओं पर काबू पाना मुश्किल हो रहा था जब उनके मित्र का चकला स्थित मुक्तिधाम श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया जा रहा था।
रुंधी आवाज में उन्होंने ‘पीटीआई-वीडियो’ से कहा, ‘कैप्टन सभरवाल हमारे सीनियर थे। हम उन्हें 35 वर्षों से जानते थे। वह प्रशिक्षण में एक बैच सीनियर थे और बाद में एअर इंडिया में भी। वह हमारे मित्र और सहयोगी थे। आज हम उन्हें नायक के रूप में देखते हैं।’’
कोहल ने कहा, ‘कैप्टन सभरवाल सादगी से रहते थे। दो जोड़ी कपड़े, दो जोड़ी चप्पल और जूते। उनके कमरे में आपको बस यही मिलेगा। उनके कंधों पर चार पट्टियां लगी थीं, इसके बावजूद वह विनम्र और मृदुभाषी थे। हम उन्हें ‘सैग सैग’ या सिर्फ ‘सैबी’ कहते थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम अक्सर उनसे मज़ाक करते थे- ‘आप हमेशा इतने गंभीर क्यों रहते हैं?’ वे व्हाट्सऐप ग्रुप पर ज़्यादा बात नहीं करते थे। लेकिन वे हमारे परिवारों और हमारे बच्चों की उपलब्धियों के बारे में पूछते हुए विचारशील व्यक्तिगत संदेश भेजते थे। वे हमारी बहुत परवाह करते थे।’’
एक अन्य सहकर्मी और करीबी दोस्त कैप्टन शंकर चौधरी ने कहा कि उन्हें कैप्टन सभरवाल की मुस्कान की सबसे ज़्यादा याद आती है।
उन्होंने कहा, ‘‘लंबी दूरी की उड़ानों के बाद भी, वह हमेशा उसी गर्मजोशी और मुस्कान के साथ हमारा स्वागत करते थे। वह एक खुशमिजाज व्यक्ति थे। अब, जब भी मैं विमान के नीचे गिरने की वह अंतिम तस्वीर देखता हूं, तो मैं टूट जाता हूं। मैं सोचता हूं – अगर मैं उनकी जगह होता तो क्या करता?’’
कैप्टन चौधरी ने दुर्घटना के कारण के बारे में शुरुआती अटकलों पर भी निराशा व्यक्त की।
उन्होंने कहा, ‘‘लोग पहले से ही इसे पायलट की गलती बता रहे हैं। मैं स्तब्ध और बहुत दुखी हूं। ड्रीमलाइनर एक शक्तिशाली विमान है। यह व्यावहारिक रूप से लंबवत उड़ान भर सकता है। भले ही गियर या फ्लैप या कुछ भी खराब हो, इंजन की शक्ति बाकी सब पर हावी हो सकती है।’’
कैप्टन कोहल ने कहा, ‘‘मैंने घटना के दो दिन बाद ही उड़ान भरी। यात्रियों, ग्राउंड स्टाफ, डिस्पैचर सभी का मनोबल टूटा हुआ था। उन्होंने कहा कि एटीसी पर भी, आप इसे उनकी आवाज़ में सुन सकते थे।’’
उन्होंने उड़ान दुर्घटना के संभावित कारण का अनुमान लगाते समय संयम बरतने की सलाह दी।
उन्होंने कहा, ‘‘अधिकारी अपना काम कर रहे हैं, इसलिए हमें इंतजार करना चाहिए। हम भी, पेशेवर होने के नाते, यह समझने के लिए इंतजार कर रहे हैं कि आखिर क्या गलत हुआ था। विमानन में, हर दुर्घटना और हर दुर्घटना एक सबक बन जाती है – निर्माताओं के लिए, हमारे लिए पायलटों के लिए, ऑपरेटरों के लिए।’’
कैप्टन कोहल ने कहा, ‘हम सीखेंगे। हम फिर से अध्ययन करेंगे, फिर से उठेंगे, फिर से उड़ान भरेंगे और सबसे बढ़कर, हम आपको सुरक्षित रखेंगे।’’
भाषा अमित पवनेश
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