नयी दिल्ली, 17 जून (भाषा) विदेश मामलों से संबंधित संसद की स्थायी समिति के कुछ सदस्यों ने इजराइल-ईरान सैन्य संघर्ष की पृष्ठभूमि में वहां रहने वाले भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई और उनको सुरक्षित बाहर निकालने की जरूरत पर जोर दिया।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता वाली समिति की बैठक में हिंद महासागर से संबंधित भारत की रणनीति के मूल्यांकन पर मुख्य रूप से चर्चा की गई।
करीब ढाई घंटे तक चली बैठक में कुछ सांसदों ने पाकिस्तान के साथ हालिया सैन्य टकराव से जुड़े कुछ बिंदुओं का उल्लेख किया।
बैठक के बाद थरूर ने इजराइल-ईरान संघर्ष से जुड़े सवाल पर कहा, ‘‘यह विषय एजेंडे में नहीं था, लेकिन कुछ सांसदों ने भारतीय नागरिकों की सुरक्षा से जुड़ी चिंता को उठाया और विदेश मंत्रालय द्वारा उस पर विस्तृत जवाब का वादा किया गया। लेकिन यह आज के एजेंडे में नहीं था।’’
उन्होंने यह भी कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर चर्चा नहीं हुई, लेकिन पाकिस्तान के साथ सैन्य टकराव के कुछ बिंदुओं पर बात हुई।
बैठक के एजेंडे के बारे में बात करते हुए थरूर ने कहा, ‘‘ भारत की हिंद महासागर से संबंधित रणनीति के विषय पर चर्चा की गई, जो विदेश नीति का विषय है, लेकिन इसमें महत्वपूर्ण रक्षा आयाम हैं। आज हमारे साथ रक्षा सचिव और नौसेना प्रमुख भी मौजूद थे।’’
थरूर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिये कनाडा की यात्रा को लेकर कहा, ‘‘यह एक महत्वपूर्ण यात्रा है। जी7 अब दुनिया की सात सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं नहीं हैं, क्योंकि भारत और चीन वहां हैं और इस तर्क से उन्हें जी7 का हिस्सा होना चाहिए। प्रधानमंत्री के पास उनसे बात करने का अच्छा अवसर है। ऐसा कुछ भी नहीं है कि हमें इसके बारे में चिंता करने की ज़रूरत है। मुझे यकीन है कि उनके वहां रहने के दौरान विभिन्न महत्वपूर्ण बातचीत होने वाली है।’’
भाषा हक हक दिलीप
दिलीप