नयी दिल्ली, 17 जून (भाषा) सरकार 141 साल पुराने विस्फोटक अधिनियम 1884 को निरस्त कर एक नया कानून लाएगी। सरकार का कहना है कि मौजूदा कानून पुराने ब्रिटिश पैटर्न पर आधारित है और यह देश की बढ़ती आवश्यकताओं को पर्याप्त रूप से पूरा नहीं कर रहा है।
उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने इस वर्ष 17 जुलाई से पहले प्रस्ताव पर आम जनता, उद्योग संघों और अन्य संबंधित संस्थाओं से टिप्पणियां और सुझाव मांगे हैं।
डीपीआईआईटी ने कहा है कि विस्फोटक अधिनियम, 1884 संविधान से पहले का अधिनियम है और इसे 1978 में व्यापक रूप से संशोधित किया गया था।
आजादी के बाद कई बड़ी और छोटी कंपनियों ने उच्च विस्फोटकों का निर्माण शुरू किया। डीपीआईआईटी द्वारा सार्वजनिक और हितधारक परामर्श के लिए जारी नोट में कहा गया है, ‘‘यह देखा गया है कि विस्फोटक अधिनियम, 1884, पुराने ब्रिटिश पैटर्न पर आधारित है और विस्फोटक क्षेत्र में देश की बढ़ती आवश्यकताओं और विकास को पर्याप्त रूप से पूरा नहीं कर रहा है, जिसके परिणामस्वरूप उद्योग के लिए कठिनाइयां पैदा हो रही हैं।’’
मौजूदा कानून की खामियों को दूर करने और उद्योग द्वारा अनुभव की जा रही कठिनाइयों को कम करने के लिए, विस्फोटक अधिनियम, 1884 में 1978 में व्यापक संशोधन किया गया।
यह कानून वाणिज्यिक प्रयोजनों के लिए विस्फोटकों के विनिर्माण, कब्जे, उपयोग, बिक्री, परिवहन, आयात और निर्यात को विनियमित करने तथा भारत के क्षेत्र में विस्फोटकों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं (विस्फोट) को रोकने के लिए बनाया गया था।
भाषा आशीष धीरज
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