कनैनिस्किस (कनाडा), 18 जून (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कनाडा की अपनी ‘‘सार्थक’’ यात्रा के बाद क्रोएशिया रवाना हो गए हैं, जो तीन देशों की उनकी यात्रा का तीसरा और अंतिम पड़ाव है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कनाडा में जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लिया था।
मोदी ने मंगलवार को ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘कनाडा की सार्थक यात्रा समाप्त हुई। सफल जी7 शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए कनाडा के लोगों और सरकार को धन्यवाद। इस सम्मेलन के दौरान विविध वैश्विक मुद्दों पर उपयोगी चर्चा हुई। हम वैश्विक शांति, समृद्धि और स्थिरता को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’
प्रधानमंत्री ने कनैनिस्किस में सात देशों के समूह जी7 के नेताओं के साथ प्रमुख वैश्विक चुनौतियों पर ‘‘सार्थक’’ विचार-विमर्श किया तथा ग्रह को बेहतर बनाने की अपनी आकांक्षाएं साझा कीं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कनाडा की अपनी बहुत ही सफल यात्रा पूरी की। वैश्विक संदर्भ में ऊर्जा सुरक्षा, प्रौद्योगिकी और नवोन्मेष जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान सार्थक बातचीत की। कई नेताओं से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगला पड़ाव कोएशिया है।’’
मोदी ने यहां विश्व के कई नेताओं से मुलाकात की और व्यापार एवं अर्थव्यवस्था जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की।
मोदी ने जिन नेताओं से मुलाकात की उनमें उनके कनाडाई समकक्ष मार्क कार्नी, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे-म्यांग, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर, इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज शामिल हैं।
कार्नी के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत एवं कनाडा के बीच संबंध ‘‘बेहद महत्वपूर्ण’’ हैं। उन्होंने कहा कि भारत एवं कनाडा को विभिन्न क्षेत्रों में मिलकर काम करना चाहिए जिससे दोनों देशों को लाभ होगा।
कनाडाई प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान के अनुसार, बातचीत के बाद भारत और कनाडा ने दोनों देशों में नागरिकों और व्यवसायों को नियमित सेवाएं पुन: उपलब्ध कराने के उद्देश्य से नए उच्चायुक्तों को नामित करने पर सहमति व्यक्त की।
प्रधानमंत्री मोदी सोमवार शाम साइप्रस से कनाडा के कैलगरी पहुंचे। यह पिछले एक दशक में कनाडा की उनकी पहली यात्रा थी।
भाषा सिम्मी जितेंद्र
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