कोहिमा, 18 जून (भाषा) केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि समावेशी विकास भारत के वैश्विक शक्ति बनने की कुंजी है।
नगालैंड के वोखा जिले में मंगलवार को धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (डीएजेजीयूए) की शुरुआत करते हुए उन्होंने स्थानीय युवाओं से संभावित करियर के रूप में प्रौद्योगिकी-संचालित कृषि पर विचार करने का आग्रह किया।
कार्यक्रम के साथ आदिवासी कल्याण योजनाओं के बारे में 15 दिवसीय जागरूकता अभियान की शुरुआत हो गई, जो बिरसा मुंडा के सम्मान में जिले के सात प्रखंडों के 53 गांवों को कवर करेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले दशक में पूर्वोत्तर में आए बदलाव का उल्लेख करते हुए सिंह ने कहा कि नगालैंड भारत के विकास में एक प्रमुख भागीदार है।
उन्होंने समावेशी विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की और ‘ऐतिहासिक उपेक्षा के अंत को भारत की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक’ बताया।
सिंह ने दोहराया कि युवाओं की भागीदारी, प्रौद्योगिकी और सामुदायिक सहयोग से नगालैंड और पूर्वोत्तर के बाकी हिस्से वैश्विक शक्ति के रूप में देश के उदय के लिए महत्वपूर्ण बनेंगे।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, सिंह ने महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के गठन पर जोर दिया और प्रमुख स्थानीय मांगों के लिए समर्थन का आश्वासन दिया।
सिंह ने कहा कि राजमार्ग उन्नयन की मांग और राज्य में एक नए विधानसभा भवन के प्रस्ताव को पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (डीओएनईआर) के समक्ष उठाया जाना चाहिए।
कार्यक्रम में, वोखा ग्राम परिषद ने केंद्रीय मंत्री से सरकारी हाई स्कूल को उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में उन्नत करने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया।
वोखा ग्राम छात्र संघ ने सिंह के समक्ष खराब सड़क संपर्क, स्थानीय उच्च शिक्षा संस्थानों की कमी और जिले में उच्च बेरोजगारी दर के बारे में चिंता व्यक्त की।
उसने उन परिवारों पर वित्तीय बोझ का उल्लेख किया जो अपने बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए गांव से बाहर भेजने के लिए मजबूर होते हैं।
कार्यक्रम में विधायक वाई म्होंबेमो हम्त्सो और मुख्यमंत्री के सलाहकार चुम्बेन मुरी सहित अन्य लोग शामिल हुए।
भाषा वैभव मनीषा
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