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Monday, September 1, 2025

‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर मोदी का ट्रंप को दो टूक जवाब—हमले रोके अमेरिका के कहने पर नहीं, पाकिस्तान के अनुरोध पर

News‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर मोदी का ट्रंप को दो टूक जवाब—हमले रोके अमेरिका के कहने पर नहीं, पाकिस्तान के अनुरोध पर

(तस्वीर के साथ)

कनैनिस्किस (कनाडा), 18 जून (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर बात की और उन्हें स्पष्ट रूप से कहा कि भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान पर हमले पड़ोसी देश के अनुरोध पर ‘‘रोके’’ थे न कि अमेरिका द्वारा मध्यस्थता या किसी व्यापार समझौते की पेशकश के कारण।

ट्रंप के साथ मंगलवार को फोन पर 35 मिनट तक हुई बातचीत में मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति को पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों के खिलाफ शुरू किए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में जानकारी दी और यह स्पष्ट किया कि भारत ने कभी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की है और भविष्य में भी कभी स्वीकार नहीं करेगा।

पिछले महीने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ रोके जाने के बाद यह ट्रंप और मोदी के बीच पहली बातचीत है। मोदी और ट्रंप ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद बात की थी जिसमें ट्रंप ने भारत के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की थीं और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में उसका समर्थन किया था।

विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने मोदी और ट्रंप के बीच फोन पर हुई बातचीत पर एक बयान में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर के सिलसिले में व्यापार से जुड़े किसी विषय पर चर्चा नहीं हुई। उन्होंने कहा कि भारत ने कभी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की और भविष्य में भी ऐसी कोई मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा।’’

उन्होंने बताया कि ट्रंप ने जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने यहां आए प्रधानमंत्री मोदी को कनाडा से लौटते वक्त अमेरिका आने का न्यौता दिया।

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बहरहाल, मोदी ने कहा कि वह पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के कारण इस न्यौते को स्वीकार नहीं कर सकते।

मोदी ने ट्रंप को इस साल प्रस्तावित क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए भारत आने का न्यौता दिया।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने इजराइल और ईरान के बीच संघर्ष बढ़ने के कारण शिखर सम्मेलन से एक दिन पहले ही विदा ले ली थी।

मिसरी ने बताया कि मोदी और ट्रंप का जी7 शिखर सम्मेलन के इतर मुलाकात करने का कार्यक्रम था लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति के शिखर सम्मेलन से समय से पहले विदा लेने के कारण यह बैठक नहीं हो पायी।

उन्होंने कहा कि ट्रंप ने मोदी से बात करने पर जोर दिया, जिसके बाद फोन पर बातचीत करायी गयी।

मोदी ने ट्रंप को बताया कि उन्होंने 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने का संकल्प व्यक्त किया था।

प्रधानमंत्री ने ट्रंप से फोन पर यह बातें तब कही हैं जब इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने कई मौकों पर कहा था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करायी थी। ट्रंप के इस दावे को नयी दिल्ली ने सिरे से खारिज किया है।

मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति को बताया कि भारत ने छह-सात मई की रात को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था।

उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत की कार्रवाई ‘‘नपी-तुली, सटीक तथा तनाव को और बढ़ावा न देने’’ वाली थी।

मोदी ने ट्रंप को यह भी बताया कि उन्होंने ऐलान किया था कि ‘गोली का जवाब गोले से दिया जाएगा।’

मिसरी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने ट्रंप को बताया कि उन्हें नौ मई को अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस का फोन आया था और वेंस ने पाकिस्तान द्वारा ‘‘बड़े हमले’’ के बारे में आगाह किया था।

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मोदी ने वेंस को स्पष्ट रूप से कहा था कि अगर पाकिस्तान ऐसा करता है तो भारत और कड़ा जवाब देगा।

मोदी ने कहा कि भारत ने 9-10 मई की रात को पाकिस्तान के हमले का कड़ा जवाब दिया, जिससे पाकिस्तान के सैन्य बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा और उनके हवाई अड्डों को निष्क्रिय कर दिया गया।

प्रधानमंत्री ने ट्रंप को बताया कि भारत की कड़ी प्रतिक्रिया के कारण पाकिस्तान को उससे सैन्य अभियान रोकने का अनुरोध करना पड़ा।

मोदी ने ट्रंप से साफ-साफ कहा कि इस पूरे घटनाक्रम में भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर कोई चर्चा नहीं की गयी और भारत तथा पाकिस्तान के बीच अमेरिकी मध्यस्थता का कोई संदर्भ नहीं था।

उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान ने सीधे बातचीत के जरिए और पड़ोसी देश के अनुरोध पर सैन्य कार्रवाई रोकने का निर्णय लिया था।

प्रधानमंत्री मोदी ने साफ कर दिया कि भारत, पाकिस्तान के साथ किसी भी बातचीत में कोई मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा और इस मुद्दे पर द्विदलीय/राजनीतिक एकता है।

मिसरी ने कहा कि प्रधानमंत्री की बात सुनने के बाद ट्रंप ने मुद्दे पर सहमति जतायी और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत का समर्थन किया।

विदेश सचिव ने कहा, ‘‘मोदी ने ट्रंप से कहा कि अब से भारत आतंकवाद को छद्म युद्ध नहीं बल्कि युद्ध की कार्रवाई मानेगा और ऑपरेशन सिंदूर अब भी जारी है।’’

मिसरी ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी ने फोन पर इजराइल तथा ईरान के बीच जारी संघर्ष के बारे में भी चर्चा की।

उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध पर दोनों नेताओं ने सहमति जतायी कि जल्द से जल्द शांति स्थापित करने के लिए दोनों पक्षों के बीच बातचीत आवश्यक है और इस दिशा में प्रयास जारी रहने चाहिए।

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हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर ट्रंप और मोदी ने अपने विचार साझा किए और क्षेत्र में क्वाड की अहम भूमिका के लिए समर्थन जताया।

मिसरी ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप को क्वाड की अगली बैठक के लिए भारत आने का निमंत्रण दिया। उन्होंने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने न्यौता स्वीकार कर लिया और कहा कि वह भारत आने के लिए उत्सुक हैं।

भाषा

गोला मनीषा

मनीषा

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