रायबरेली (उप्र), 18 जून (भाषा) रायबरेली की 21 वर्षीय महिला ने इंस्टाग्राम पर आत्महत्या का संकेत देते हुए एक संदेश पोस्ट किया लेकिन इस सोशल मीडिया मंच के मालिकाना हक वाली कंपनी मेटा ने तुरंत हरकत में आते हुए पुलिस को सतर्क कर दिया जिसने त्वरित कार्रवाई कर समय रहते महिला को बचा लिया।
मिल एरिया पुलिस थाने के अंतर्गत देवानंदपुर नई बस्ती की निवासी और स्नातक की अंतिम वर्ष की छात्रा ने इंस्टाग्राम पर कैप्सूल की एक तस्वीर पोस्ट की, जिसके साथ संदेश लिखा था, ‘‘अलविदा… सॉरी मम्मा पापा।’’
इंस्टाग्राम पर 16 जून को शाम 7:42 बजे की गई इस पोस्ट के बाद मेटा ने लखनऊ में उत्तर प्रदेश पुलिस के सोशल मीडिया केंद्र को तत्काल अलर्ट कर दिया।
अलर्ट को तुरंत राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कृष्ण तक पहुँचाया गया, जिन्होंने अधिकारियों को इंस्टाग्राम खाते से जुड़े फोन नंबर का उपयोग करके महिला के स्थान का पता लगाने का आदेश दिया।
जांच के आधार पर स्थानीय पुलिस को सूचित किया गया।
अलर्ट मिलने के महज आठ मिनट के भीतर मिल एरिया थाने से पुलिस की एक टीम युवती के घर पहुंची और उसे सुरक्षित पाया, लेकिन वह मानसिक रूप से परेशान थी। उसे तुरंत काउंसलिंग और मेडिकल सहायता दी गई। साथ ही पुलिस ने उसके परिवार से भी बात की।
मिल एरिया थाने के प्रभारी राजीव सिंह ने बताया, ‘‘युवती अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना चाहती थी, लेकिन उसके माता-पिता उस पर शादी का दबाव बना रहे थे। इससे परेशान होकर उसने यह पोस्ट किया। गनीमत रही कि हमें समय रहते अलर्ट मिल गया और हम हस्तक्षेप कर पाए। अब वह और उसका परिवार दोनों ही मामले को शांतिपूर्वक सुलझाने के लिए सहमत हो गए हैं।’’
हाल ही में देवरिया जिले में इसी तरह की एक घटना में 20 वर्षीय छात्र की जान भी बचा ली गयी थी। उसने इंस्टाग्राम पर एक दुखद सुसाइड नोट और तस्वीर पोस्ट की थी।
भलौनी इलाके के युवक ने 12 जून को एक संदेश साझा किया, जिसमें लिखा था, ‘‘भाइयों मुझे माफ कर देना…आज मैं मरने जा रहा हूं।’’ साथ ही गले में फंदा दिखाते हुए एक तस्वीर भी साझा की थी।
पोस्ट के बाद मेटा से लखनऊ में उत्तर प्रदेश पुलिस के सोशल मीडिया केंद्र पर अलर्ट भेजा गया। कुछ ही मिनटों में, अलर्ट देवरिया जिले की पुलिस को भेज दिया गया, जिसमें व्यक्ति के लोकेशन की जानकारी दी गई।
भलौनी से एक पुलिस उपनिरीक्षक 12 मिनट के भीतर छात्र के घर पहुंचा, उसे फांसी लगाने की कोशिश करते हुए पाया और समय रहते उसे बचा लिया।
छात्र के अनुसार, वह अपने माता-पिता द्वारा लिए गए बैंक लोन की वजह से तनाव में था, जिसे वे चुकाने में असमर्थ थे।
अधिकारियों के अनुसार, काउंसलिंग के बाद छात्र ने पुलिस को आश्वासन दिया कि वह ऐसी हरकत दोबारा नहीं करेगा।
अधिकारियों ने बताया कि आत्महत्या और खुद को नुकसान पहुंचाने की घटनाओं को रोकने के लिए मेटा और उत्तर प्रदेश पुलिस के बीच जारी साझेदारी के कारण लोगों को बचाया जा सका है।
राज्य पुलिस ने बताया कि एक जनवरी 2023 से 16 जून 2025 तक इस सहयोग से सोशल मीडिया अलर्ट पर कार्रवाई करके उत्तर प्रदेश में 1,024 लोगों की जान बचाने में मदद मिली है।
भाषा सं जफर मनीषा गोला
गोला