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Thursday, July 10, 2025

विदेशी धरती पर सत्तापक्ष की तुलना में अधिक मजबूती से भारत का पक्ष रख रहे हैं विपक्षी नेता: कांग्रेस

Newsविदेशी धरती पर सत्तापक्ष की तुलना में अधिक मजबूती से भारत का पक्ष रख रहे हैं विपक्षी नेता: कांग्रेस

नयी दिल्ली, 27 मई (भाषा) कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि मौजूदा समय में विभिन्न देशों के दौरे पर गए प्रतिनिधिमंडलों में शामिल विपक्षी नेता सत्तापक्ष के नेताओं की तुलना में कहीं अधिक मजबूती से दुनिया के सामने भारतीय पक्ष रख रहे हैं।

पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने यह आरोप लगाया कि केंद्र सरकार को ‘ट्रोल’ चला रहे हैं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी ‘ट्रोल’ की जुबान में बातें कर रहे हैं, जो चिंता की बात है।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब 22 अप्रैल को देश पर संकट का समय आया तो हमने प्रधानमंत्री मोदी से यह मांग की थी कि आप आतंकवाद का जवाब दीजिए, हम आपके साथ हैं। राहुल गांधी अपना विदेश दौरा छोड़कर स्वदेश लौट गये। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने तत्काल कार्यसमिति की बैठक बुलाई और बयान जारी कर कहा कि हम सरकार के हर कदम में साथ हैं। राहुल गांधी पहले पहलगाम जाकर घायलों से और फिर पुंछ में पाकिस्तान की गोलाबारी से प्रभावित लोगों से मिले।’’

खेड़ा ने आरोप लगाया कि जहां एक तरफ कांग्रेस और पूरा विपक्ष देशहित में डटकर खड़ा हुआ है, वहीं 22 अप्रैल की रात से आज तक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओछी राजनीति में कोई कमी नहीं आई है।

उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस और विपक्ष के सांसद कैसे भारत का पक्ष रख रहे हैं, आपको मालूम है। सत्तापक्ष का एक सांसद (निशिकांत दुबे) रोज जहरीली बातें कर रहा है। मिसाइल पाकिस्तान पर दागनी थी, विपक्ष पर नहीं दागनी है। कांग्रेस और विपक्ष के हमारे सभी साथी सत्तापक्ष से कहीं अधिक मजबूती से भारत का पक्ष रख रहे हैं और भारतीय हितों की रक्षा के लिए बातें कर रहे हैं।’’

उनके अनुसार, भाजपा और उसके सहयोगी दल के सांसदों ने पिछले एक महीने में क्या किया और विपक्ष ने क्या किया, इसकी तुलना होनी चाहिए।

खेड़ा ने कहा, ‘‘आज तक इन सवालों का जवाब नहीं मिला कि पुंछ, गांदरबल, गुलमर्ग और पहलगाम के आतंकियों का क्या हुआ, संघर्षविराम किन शर्तों पर हुआ, हाफिज सईद, मसूद अजहर बचकर कैसे निकल गए और संघर्ष विराम की शर्तों में इन आतंकियों को वापस लाना शामिल है या नहीं?’’

उन्होंने तंज कसते हुए कहा, ‘‘मोदी सरकार से ये सवाल पूछ लिये जाएं तो इनके नेता फ़िल्मी डायलॉग मारते हैं। इस सरकार ने पूरी राजनीति, राजनीतिक विमर्श, विदेश नीति ‘ट्रोल’ को आउटसोर्स कर दी है।’’

खेड़ा ने दावा किया, ‘‘मोदी सरकार की विदेश नीति का नतीजा यह है कि कुवैत ने पाकिस्तान पर से वीजा पाबंदियां हटा दी हैं। कुवैत और पाकिस्तान श्रमिक समझौता करने वाला है। उधर यूएई ने पाकिस्तान को पांच साल की वीजा अनुमति दे दी है। हमारी विदेश नीति का नतीजा ही है कि नेपाल-भूटान भी हमारे साथ नहीं खड़ा हुआ।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि जब संकट की घड़ी में परीक्षा हुई तो मोदी सरकार बुरी तरह से विफल हो गई।

भाषा हक

हक सुरेश

सुरेश

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