नयी दिल्ली, 18 जून (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे राजपूताना राइफल्स के जवानों के लिए पैदल पार पथ (एफओबी) के निर्माण के संबंध में अंतिम योजना प्रस्तुत करें।
जवानों को परेड ग्राउंड तक पहुंचने के लिए एक बदबूदार नाला पार करना पड़ता है।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह और न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की पीठ ने सुनवाई के दौरान लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), यातायात पुलिस और दिल्ली छावनी बोर्ड को पैदल पार पथ के निर्माण को अंतिम रूप देने के लिए एक संयुक्त बैठक करने को कहा।
पीठ ने डिजाइन, बजट और समयसीमा पर रिपोर्ट मांगते हुए कहा, ‘‘पैदल पार पथ के निर्माण के लिए योजना को अंतिम रूप दिया जाए।’’
पीठ ने कहा कि मंजूरी के बावजूद पैदल पार पथ का निर्माण अब तक नहीं किया गया है, जिसकी लागत पीडब्ल्यूडी को वहन करनी थी।
इसने कहा कि यदि आवश्यक हो तो छावनी बोर्ड किसी भी सैन्य एजेंसी की मदद ले सकता है।
पीठ ने इस मामले से संबंधित एक खबर पर स्वतः संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई शुरू की थी। इस खबर में बताया गया था कि सैनिकों को अपने बैरक से परेड ग्राउंड तक जाने के लिए ‘‘बदबूदार रास्ते’’ से होकर गुजरना पड़ता है।
भाषा खारी सुरेश
सुरेश