नयी दिल्ली, 18 जून (भाषा) साहित्य अकादमी ने हिंदी में सुशील शुक्ल, अंग्रेजी में नितिन कुशलप्पा एमपी और उर्दू में गज़नफर इकबाल समेत 24 भारतीय भाषाओं के लेखकों को 2025 के प्रतिष्ठित बाल साहित्य पुरस्कार से नवाज़ने का बुधवार को ऐलान किया।
अकादमी के सचिव के. श्रीनिवास राव के हवाले से जारी एक बयान में बताया गया है कि इसके अध्यक्ष माधव कौशिक की अध्यक्षता में अकादमी के कार्यकारी मंडल की बैठक में 24 भाषाओं के लेखकों को उनकी रचनाओं के लिए बाल साहित्य पुरस्कार 2025 के लिए अनुमोदित किया गया है।
बयान के मुताबिक, इनमें हिंदी में शुक्ल को उनकी कहानी ‘एक बटे बारह’ के लिए प्रतिष्ठित पुरस्कार देने का फैसला किया गया है।
बयान में कहा गया है कि इसके अलावा अंग्रेजी में नितिन कुशलप्पा एमपी को ‘दक्षिण, साउथ इंडियन मिथ्स एंड फैब्लस रीटोल्ड’ (कहानी), उर्दू में इकबाल को ‘कौमी सितारे’ (लेख) व मैथिली में मुन्नी कामत को ‘चुक्का’ (कहानी) के लिए बाल साहित्य पुरस्कार से नवाज़ा जाएगा।
इसके मुताबिक, बांग्ला में त्रिदिब कुमार चट्टोपाध्याय को ‘एखोनो गाये कांटा देय’ (कहानी), गुजराती में कीर्तिदा ब्रह्मभट्ट को ‘टिंचक’ (कविता), मराठी में सुरेश सावंत को ‘आभालमाया’ (कविता) और पंजाबी में पाली खादिम (अमृत पाल सिंह) को ‘जादू पत्ता’ (उपन्यास) के लिए पुरस्कृत किया जाएगा।
बयान में कहा गया है कि अकादमी राजस्थानी में भोगीलाल पाटीदार को ‘पंखेरुवं नी पीड़ा’ (नाटक), संस्कृत में प्रीति पुजारा को ‘बाल विश्र्वम्’ (कविता), संथाली में हरलाल मुर्मू को ‘सोना मिरु-अग संदेश’ (कविता) और नेपाली में साड़्मु लेप्चा को ‘शांति वन’ (उपन्यास) के लिए पुरस्कार से नवाज़ने का फैसला किया है।
बयान के मुताबिक, असमिया में सुरेंद्र मोहन दास को ‘मैनाहंतर पद्द’ (कविता), बोडो में बिनय कुमार ब्रह्मा को ‘खान्थि बोसोन आरो आखु दानाय’ (कहानी), डोगरी में पी.एल. परिहार ‘शौक’ को ‘नन्हीं टोर’ (कविता), कोंकणी में नयना आडारकार को ‘बेलाबायचो शंकर आनी हेर काणयो’ (कहानी) तथा मणिपुरी में शांतो एम. को ‘अंगंगशिंगगी शन्नाबुंगसिदा’ (नाटक) के लिए बाल साहित्य पुरस्कार मिलेगा।
इसमें कहा गया है कि तेलुगु में गंगिसेट्टी शिवकुमार को ‘काबुरला देवता’ (कहानी), तमिल में विष्णुपुरम सरवणन को ‘ओत्तराई सिरगू ओविया (उपन्यास), सिंधी में हीना अगनानी ‘हीर’ को ‘असमानी परी’ (कविता), ओड़िया में राजकिशोर परही को ‘केते फूला फुटिची’ (कविता), मलयालम में श्रीजित मुतेडत को ‘पेंग्विनुकालुडे वंकारायिल’ (उपन्यास), कन्नड में के. शिवलिंगप्पा हण्दिहल को ‘नोटबुक’ (कहानी) और कश्मीरी में इजहार मुबाशिर को ‘शुर्य त् चुर्यगिश्य’ (कहानी) के लिए पुरस्कृत किया जाएगा।
बयान के अनुसार, 24 भाषाओं के लेखकों की पुस्तकों को त्रिसदस्यीय निर्णायक मंडल ने निर्धारित चयन प्रक्रिया का पालन करते हुए पुरस्कार के लिए चुना तथा कार्यकारी मंडल ने बहुमत या सर्वसम्मति के आधार पर इन पुस्तकों को पुरस्कार के लिए स्वीकृत किया।
सचिव ने बताया कि एक जनवरी 2019 से 31 दिसंबर 2023 के बीच पहली बार प्रकाशित हुई किताबों के लेखकों को यह पुरस्कार दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि विजेता लेखकों को पुरस्कार स्वरूप एक उत्कीर्ण ताम्रफलक तथा 50 हजार रुपये की सम्मान राशि प्रदान की जाएगी।
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