नयी दिल्ली, 18 जून (भाषा) अनिल अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर की इकाई रिलायंस एयरोस्ट्रक्चर ने वैश्विक बाजारों के लिए भारत में फाल्कन 2000 ‘बिजनेस एग्जीक्यूटिव जेट’ बनाने के लिए फ्रांस की दिग्गज कंपनी दसॉ एविएशन के साथ रणनीतिक साझेदारी की है। दोनों कंपनियों ने बुधवार को यह घोषणा की।
यह घोषणा पेरिस एयरशो के दौरान की गयी। यह साझेदारी भारत की वैमानिकी क्षेत्र में विनिर्माण क्षमताओं को आगे बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
दसॉ एविएशन ने कहा कि पहली बार वह फ्रांस के बाहर फाल्कन 2000 जेट का विनिर्माण करेगी। फाल्कन 2000 जेट के लिए अत्याधुनिक असेंबली लाइन महाराष्ट्र के नागपुर में स्थापित की जाएगी।
यह भारतीय वैमानिकी और विनिर्माण उद्योग के लिए महत्वपूर्ण है। इस ऐतिहासिक समझौते से भारत के लिए अमेरिका, फ्रांस, कनाडा और ब्राजील के साथ अगली पीढ़ी के बिजनेस जेट बनाने वाले देशों के क्लब में शामिल होने का रास्ता साफ हुआ है।
दसॉ एविएशन और रिलायंस एयरोस्ट्रक्चर (डीआरएएल) के बीच संयुक्त उद्यम की स्थापना 2017 में हुई थी। परिचालन की शुरुआत उसी वर्ष नागपुर के मिहान में अत्याधुनिक विनिर्माण इकाई की स्थापना के साथ हुई।
संयुक्त उद्यम एविएशन के लिए फाल्कन 6X और फाल्कन 8X असेंबली कार्यक्रमों सहित फाल्कन शृंखला के लिए उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) भी बन जाएगा। यह फ्रांस के बाहर पहला ऐसा उत्कृष्टता केंद्र होगा।
दसॉ एविएशन के चेयरमैन और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एरिक ट्रैपियर ने कहा, ‘‘यह नया समझौता एक बार फिर हमारी ‘मेक इन इंडिया’ प्रतिबद्धताओं को पूरा करने और वैश्विक वैमानिक आपूर्ति शृंखला में भारत को एक प्रमुख भागीदार के रूप में मान्यता दिलाने में योगदान देने के हमारे दृढ़ इरादे को बताता है। यह समझौता संयुक्त उद्यम को फ्रांस के बाहर फाल्कन असेंबली के लिए पहला उत्कृष्टता केंद्र बनाएगा। यह अंततः फाल्कन 2000 के लिए अंतिम असेंबली लाइन की स्थापना को सक्षम बनाएगा।’’
रिलायंस समूह के संस्थापक चेयरमैन अनिल डी. अंबानी ने कहा, ‘‘दसॉ एविएशन के साथ हमारी साझेदारी रिलायंस समूह की यात्रा में मील का पत्थर है, क्योंकि हम वैश्विक वैमानिकी मूल्य श्रृंखला में भारत को एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में मजबूती से स्थापित करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।’’
बयान के अनुसार, असेंबली संचालन के हस्तांतरण के साथ-साथ कारखाने को अत्याधुनिक बनाने से 2028 तक भारत से ‘मेड इन इंडिया’ फाल्कन 2000 की पहली उड़ान का रास्ता साफ होगा।
नई अंतिम असेंबली लाइन भारतीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बढ़ती मांग को पूरा करेगी।
डीआरएएल अपने विस्तारित परिचालन के लिए अगले दशक में कई सौ इंजीनियर और तकनीशियन की नियुक्ति कर सकती है।
भाषा रमण अजय
अजय अनुराग
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