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नयी दिल्ली, 18 जून (भाषा) केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को कहा कि सरकार बीज और कीटनाशक कानूनों को सख्त बनाएगी और किसानों के लिए गुणवत्तापूर्ण लागत सुनिश्चित करने के लिए मौजूदा कानूनों में संशोधन कर सकती है।
चौहान ने कहा कि कई किसानों ने ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के दौरान बीज और कीटनाशकों की गुणवत्ता को लेकर चिंता जताई है।
कृषक समुदाय तक पहुंच बनाने के मकसद से यह देशव्यापी अभियान 29 मई को ओडिशा के पुरी से शुरू किया गया था। इस अखिल भारतीय अभियान का 12 जून को गुजरात के बारडोली में समापन हुआ।
चौहान ने इस अभियान के बारे में संवाददाताओं से कहा, ‘‘अभियान बहुत सफल रहा। इस दौरान हमने 721 जिलों के 1.43 लाख गांवों में 1.34 करोड़ किसानों से सीधे संपर्क किया। जनजातीय, आकांक्षी और सीमावर्ती जिलों सहित 60,281 कार्यक्रम आयोजित किए गए।’’
कृषि मंत्री ने अभियान को ‘एक राष्ट्र-एक कृषि-एक टीम’ बताते हुए कहा कि यह केंद्र और राज्यों का एक सहयोगात्मक प्रयास था जिसमें आईसीएआर और कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) के 8,280 वैज्ञानिकों की 2,170 टीमें शामिल थीं।
इस दौरान नए शोध, प्रत्येक जिले की मिट्टी की सेहत और जलवायु की स्थिति के आधार पर फसल सलाह और प्राकृतिक/जैविक खेती के लाभ पर चर्चा की गई।
चौहान ने कहा, ‘‘हमें किसानों से कई सुझाव मिले हैं जो बहुत उपयोगी हैं। कृषि संबंधी योजना और नीतियां बनाते समय हम उन सुझावों को ध्यान में रखने की कोशिश करेंगे।’’
उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक किसानों की प्रतिक्रिया के आधार पर शोध भी करेंगे और प्रगतिशील किसानों द्वारा किए गए कई नवाचार को लोकप्रिय बनाया जाएगा।
इस अवसर पर कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर मंत्रालय ने घटिया लागत उत्पादों की बिक्री रोकने के लिए बीज एवं कीटनाशक कानूनों को कड़ा करने और सभी हितधारकों के बीच बेहतर समन्वय के लिए हर जिले में केवीके को एक नोडल एजेंसी बनाने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस अभियान के दौरान लगभग सभी जगह से घटिया बीज और घटिया कीटनाशकों की शिकायतें मिली हैं। इसलिए बीज अधिनियम को और अधिक सख्त बनाने के लिए प्रभावी कदम उठाएंगे। किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज सुनिश्चित करने के लिए इस प्रणाली को प्रभावी बनाया जाएगा।’’
कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बीज अधिनियम, 1966 में एक साल के भीतर बदलाव लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसी तरह, नकली कीटनाशकों की बिक्री को रोकने के लिए कीटनाशक अधिनियम, 1968 में संशोधन किया जाएगा।
चतुर्वेदी ने कहा कि कृषि मंत्रालय गैर-प्रमाणित बीजों को विनियमित करने और अधिनियम के तहत अपराधों के लिए दंड बढ़ाने के तरीकों पर विचार कर रहा है।
चौहान ने कहा कि रबी फसल सत्र के दौरान भी किसानों के बीच इसी तरह का अभियान चलाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि किसान विकास केंद्रों के वैज्ञानिक सप्ताह में तीन दिन किसानों के खेतों में अनिवार्य रूप से जाएंगे।
चौहान ने कहा, ‘‘मैं भी सप्ताह में दो दिन किसानों के खेतों में जाऊंगा। मंत्रालय के अधिकारियों को भी इसी तरह का निर्देश दिया गया है।’’
जंगली जानवरों द्वारा फसलों को नुकसान पहुंचाने की समस्या पर कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों ने फसल निगरानी और निवारक प्रणालियों के लिए एआई जैसी आधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करने का सुझाव दिया है।
इसके साथ ही सरकार जंगली जानवरों को नुकसान न पहुंचाने वाली बाड़ लगाने की योजना के तहत सहायता भी मुहैया करा रही है।
चौहान ने कहा कि कपास, गन्ना और सोयाबीन की फसलों पर कीटों के हमले की चिंता है। इस समस्या के समाधान के लिए इन फसलों के लिए अलग से कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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