नयी दिल्ली, 18 जून (भाषा) चार्टर्ड अकाउंटेंट के शीर्ष निकाय आईसीएआई ने बुधवार को कहा कि धोखाधड़ी से प्रभावित इंडसइंड बैंक और जेनसोल इंजीनियरिंग के वित्तीय विवरणों की समीक्षा पूरी करने और ऑडिट में खामियां पता लगाने में कम-से-कम छह महीने लगेंगे।
भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) के वित्तीय रिपोर्टिंग समीक्षा बोर्ड (एफआरआरबी) ने दोनों कंपनियों के वित्तीय विवरणों की समीक्षा शुरू कर दी है और इसके निष्कर्षों के आधार पर संबंधित ऑडिटरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाएगी।
आईसीएआई के अध्यक्ष चरणजोत सिंह नंदा ने इंडसइंड बैंक और जेनसोल के बारे में पूछे गए एक सवाल पर कहा, ‘एफआरआरबी को इस निष्कर्ष पर पहुंचने में कम-से-कम छह महीने या उससे अधिक समय लगेगा कि क्या हो रहा है। यह एक लंबी प्रक्रिया है।’
एफआरआरबी 2023-24 और 2024-25 के लिए इंडसइंड बैंक के वित्तीय विवरणों और 2023-24 के लिए जेनसोल इंजीनियरिंग एवं ब्लूस्मार्ट मोबिलिटी के वित्तीय विवरणों की समीक्षा कर रहा है।
यदि अपनी समीक्षा में एफआरआरबी यह पाता है कि इन कंपनियों के बही-खाते सच्चे और निष्पक्ष नहीं थे तो मामले को आगे की कार्रवाई के लिए आईसीएआई की अनुशासन समिति के पास भेज दिया जाएगा।
इंडसइंड बैंक को पिछले दो वर्षों में डेरिवेटिव सौदों की गलत पहचान के कारण शुद्ध हैसियत में संभावित नुकसान उठाना पड़ा है। मार्च में बैंक ने अपने डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में 1,979 करोड़ रुपये की लेखांकन चूक की सूचना दी थी।
इसके बाद बैंक की आंतरिक ऑडिट समीक्षा में पाया गया कि सूक्ष्म-वित्त कारोबार से ब्याज के रूप में मिले 674 करोड़ रुपये भी बही-खाते में गलत ढंग से दर्ज किए गए थे। इसके अलावा बही-खाते की ‘अन्य परिसंपत्तियों’ में 595 करोड़ रुपये का ‘अप्रमाणित शेष’ था।
इसी तरह, जेनसोल इंजीनियरिंग पैसे को कथित रूप से दूसरी जगह भेजने और कंपनी संचालन संबंधी चूक के लिए विनियामक जांच के दायरे में आ गई है। हरित कैब सेवाएं देने वाली कंपनी ब्लूस्मार्ट मोबिलिटी भी जांच के दायरे में है।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
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