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Friday, June 20, 2025

यूपी पुलिस का एक्शन: 8 साल में 234 दुर्दांत अपराधी मारे गए, 14,741 मुठभेड़ें

Fast Newsयूपी पुलिस का एक्शन: 8 साल में 234 दुर्दांत अपराधी मारे गए, 14,741 मुठभेड़ें

लखनऊ, 19 जून (भाषा) उत्तर प्रदेश में पिछले आठ वर्ष में 234 दुर्दांत अपराधी पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए जबकि 9,202 अपराधी घायल हो गये। एक आधिकारिक बयान में बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी गयी।

बयान में कहा गया है कि प्रदेश में योगी आदित्यनाथ नीत सरकार ने कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति (जीरो टॉलरेंस नीति) के तहत पिछले आठ वर्ष में अपराधियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की। इस दौरान 234 दुर्दांत अपरधियों को मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया।

बयान के अनुसार इस दौरान पुलिस के साथ मुठभेड़ की 14,741 घटनाएं हुईं, जिनमें 30,293 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। वहीं अपराधियों से मुकाबला करते हुए 18 पुलिसकर्मियों की मौत हो गयी जबकि 1,700 पुलिसकर्मी घायल हुए।

उत्तर प्रदेश के कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कृष्ण के हवाले से बयान में कहा गया कि प्रदेश में सबसे अधिक मुठभेड़ मेरठ ज़ोन में हुई जहां पुलिस ने 4,183 कार्रवाई की। इनमें 7,871 अपराधी पकड़े गए जबकि 2,839 अपराधी घायल हो गए। इस दौरान 77 कुख्यात अपराधी मौके पर ही मारे गए। इस दौरान 452 पुलिसकर्मी घायल हुए जबकि अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गयी।

उन्होंने बताया कि मुठभेड़ के मामले में मेरठ जोन पूरे प्रदेश में पहले स्थान पर रहा है।

उन्होंने कहा कि वाराणसी ज़ोन में मुठभेड़ की 1,041 घटनाएं हुईं, जिनमें 2,009 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया जबकि 26 अपराधियों को मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया। इस दौरान 605 अपराधी और 96 पुलिसकर्मी घायल हुए। पूरे प्रदेश में वाराणसी जोन मुठभेड़ मामले में दूसरे स्थान पर है।

बयान के मुताबिक इस संबंध में आगरा जोन राज्य में तीसरे स्थान पर है। यहां 2,288 मुठभेड़ की घटनाएं हुईं, जिनमें 5,496 अपराधियों को दबोचा गया। इस दौरान 715 अपराधी घायल हुए जबकि 19 अपराधी मार गिराए गए। मुठभेड़ के दौरान 56 पुलिसकर्मी घायल हुए।

बयान के मुताबिक योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले आठ वर्ष में राज्य पुलिस ने “अपराधी या तो जेल में होगा या प्रदेश से बाहर” के संकल्प को धरातल पर उतारा। इससे अपराधियों में भय और आम जनता में सुरक्षा की भावना बढ़ी है। इसमें कहा गया है कि यही वजह है कि प्रदेश की कानून-व्यवस्था की सराहना राष्ट्रीय स्तर पर हो रही है।

भाषा आनन्द नरेश अविनाश

अविनाश

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