तिरूवनंतपुरम, 19 जून (भाषा) केरल के राजभवन ने राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर की मौजूदगी वाले सार्वजनिक कार्यक्रम से सामान्य शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी के अचानक चले जाने को लेकर बृहस्पतिवार को उनकी आलोचना की तथा इसे ‘‘प्रोटोकॉल का गंभीर उल्लंघन और राज्यपाल के संवैधानिक पद का घोर अपमान’’ बताया।
कार्यक्रम का आयोजन राजभवन में किया गया था और उस वक्त राज्यपाल मंच पर मौजूद थे, जब मंत्री कार्यक्रम से चले गए।
राज्य सरकार के कार्यक्रम से शिवनकुट्टी के चले जाने के कुछ घंटों बाद राजभवन ने एक बयान जारी कर उनकी आलोचना की।
शिवनकुट्टी कार्यक्रम के दौरान भारत माता की तस्वीर प्रदर्शित किये जाने के विरोध में वहां से चले गए क्योंकि ऐसा दावा किया जाता है कि इसका इस्तेमाल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अपने कार्यक्रमों में करता है।
राजभवन ने कड़े शब्दों में जारी बयान में कहा कि राज्य के संवैधानिक प्रमुख के रूप में राज्यपाल जन प्रतिनिधियों, विशेषकर मंत्रियों से सर्वोच्च सम्मान पाने के हकदार हैं, जिन्हें राज्यपाल संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ दिलाते हैं।
बयान में कहा गया, ‘‘राज्य के शिक्षा एवं श्रम मंत्री वी. शिवनकुट्टी द्वारा आज सुबह मंच से उस समय चले जाना, जब माननीय राज्यपाल मौजूद थे, प्रोटोकॉल का घोर उल्लंघन है तथा राज्यपाल के पद का घोर अपमान है।’’
बयान के अनुसार, मंत्री राज्यपाल को सूचित किये बिना चले गए।
बयान में कहा गया है, ‘‘राज्यपाल ने मंत्री को संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ दिलाई है, लेकिन उन्होंने सार्वजनिक रूप से अपने कदाचार का प्रदर्शन करके राज्यपाल के पद के अलावा राज्यपाल का भी व्यक्तिगत रूप से अपमान किया है। मंत्री ने अचानक वहां से जाने के बारे में राज्यपाल को सूचित करने की भी जहमत नहीं उठाई।’’
राजभवन ने कहा कि प्रोटोकॉल के अनुसार, कार्यक्रम में उपस्थित अन्य लोगों से भी अपेक्षा की जाती है कि वे राज्यपाल के जाने तक बैठे रहें।
इसने कहा कि दुर्भाग्य से, शिक्षा विभाग संभालने वाले मंत्री ने अपने कदाचार से अभूतपूर्व गलत मिसाल कायम की है।
राजभवन ने कहा कि मंत्री कार्यक्रम में पहले से तैयार भाषण के साथ पहुंचे थे, जिससे यह संकेत मिलता है कि वहां से जाने की योजना पहले से बनाई गई थी।
बयान में, मंत्री के भाषण के दौरान की गई टिप्पणी का भी उल्लेख किया गया, जिसमें उन्होंने स्वीकार किया था कि वह मंच पर ‘भारतम्बा’ के चित्र को नहीं पहचान पाए थे।
इसमें कहा गया है, ‘‘यह दुखद है कि राज्य के शिक्षा मंत्री ने लोगों के समक्ष स्वीकार किया कि वह भारतम्बा के चित्र से अवगत नहीं है।’’
यह घटना ‘स्काउट्स और गाइड्स’ छात्रों की उपस्थिति के बीच हुई, जो मंत्री और राज्यपाल दोनों से पुरस्कार प्राप्त करने कार्यक्रम में आए थे।
राजभवन ने कहा कि मंत्री के कार्यों ने न केवल राज्यपाल का अपमान किया है, बल्कि उपस्थित छात्रों को भी एक खराब संदेश दिया है।
भाषा सुभाष मनीषा
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