नयी दिल्ली, 19 जून (भाषा) पंचायती राज मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को डिजिटल इंडिया भाषिणी प्रभाग (डीआईबीडी) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए, जिससे मंत्रालय के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म सभी भारतीय क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध हो सकेंगे।
भाषिणी एक एआई-संचालित भाषा अनुवाद मंच है, जिसे इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) ने अपने राष्ट्रीय भाषा अनुवाद मिशन के तहत विकसित किया है। इसका उद्देश्य लोगों को विषय-वस्तुओं को विभिन्न भारतीय भाषाओं में अनूदित करने में मदद पहुंचाना है।
पंचायती राज राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने एमओयू पर हस्ताक्षर के बाद कहा कि यह भारत की एकता को मजबूत करने में भूमिका निभाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘यह पंचायत प्रतिनिधियों को अंग्रेजी न जानने की हीन भावना से भी बाहर निकालेगा। यह भाषा संबंधी तनाव को भी कम करेगा और भाषा आधारित विभाजन को भी पाटेगा।’’
बघेल ने यह भी कहा कि कोई भी राजनेता वोट मांगते समय अंग्रेजी में भाषण नहीं देता, क्योंकि यह अभिजात वर्ग की भाषा है।
पंचायती राज सचिव विवेक भारद्वाज ने कहा कि भाषा ने अक्सर लोगों के बीच दूरियां पैदा की हैं, लेकिन भाषिणी के साथ, यह दूरियां पाट दी जाएंगी।
पंचायती राज मंत्रालय (एमओपीआर) ने एक बयान में कहा कि यह समझौता ज्ञापन भाषिणी को एमओपीआर के प्लेटफॉर्म और वर्कफ्लो में एकीकृत करने के लिए पंचायती राज मंत्रालय और एमईआईटीवाई के डीआईबीडी के बीच साझेदारी स्थापित करता है।
यह समझौता ज्ञापन तीन वर्षों के लिए वैध है और इसमें सफल एकीकरण और बहुभाषी ‘आउटरीच’ के लिए आवश्यक विभिन्न तकनीकी प्रक्रियाओं पर संयुक्त प्रयासों को शामिल किया गया है।
भाषा सुरेश माधव
माधव