तिरूवनंतपुरम, 19 जून (भाषा) केरल के सामान्य शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने उनकी आलोचना किये जाने को लेकर राज्य के राज्यपाल पर पलटवार करते हुए बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने राजभवन में आयोजित एक आधिकारिक समारोह को राजनीतिक कार्यक्रम में तब्दील कर संविधान का उल्लंघन किया है।
मंत्री ने यह बात राजभवन के उस बयान के जवाब में कही, जिसमें राज्यपाल आर्लेकर की मौजूदगी में आयोजित एक कार्यक्रम में शिवनकुट्टी पर प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था।
एक बयान में, मंत्री ने कार्यक्रम से अचानक उनके चले जाने को लेकर उपजे विवाद के बाद राजभवन द्वारा की गई टिप्पणियों को भी सिरे से खारिज कर दिया।
शिवनकुट्टी ने कहा, ‘‘संविधान और इसके द्वारा स्थापित लोकतांत्रिक व्यवस्था की रक्षा करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘संविधान के अनुच्छेद 163 के अनुसार, राज्यपाल से राज्य मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह के आधार पर कार्य करने की अपेक्षा की जाती है। राज्य के संवैधानिक प्रमुख के रूप में, राज्यपाल का दायित्व है कि वे तटस्थ रहें और सार्वजनिक कार्यक्रमों की गरिमा बनाए रखें।’’
हालांकि, मंत्री ने आरोप लगाया कि राज्यपाल ने आधिकारिक कार्यक्रम का इस्तेमाल राजनीतिक संदेश देने के लिए किया और उन्होंने अपनी संवैधानिक निष्पक्षता पर सवाल खड़े किये हैं।
मंत्री ने भारत माता के चित्र के इस्तेमाल की आलोचना करते हुए कहा कि यह भारत की अवधारणा को धार्मिक प्रतीकवाद से जोड़ने का प्रयास है, जिसके जरिये राष्ट्रवाद को संकीर्ण हिंदुत्व के ढांचे में धकेला जा रहा है।
उन्होंने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 51ए(ई) स्पष्ट रूप से नागरिकों के कर्तव्य को रेखांकित करता है कि वे सद्भाव को बढ़ावा दें और भारत की समग्र संस्कृति की समृद्ध विरासत को संरक्षित करें।
शिवनकुट्टी ने कहा, ‘‘मंत्री के तौर पर मेरा यह कदम प्रोटोकॉल का उल्लंघन नहीं था, बल्कि संविधान की गरिमा को बनाए रखने के लिए ली गई मेरी संवैधानिक शपथ के आधार पर एक विरोध था।’’
इससे पहले दिन में, राजभवन ने आर्लेकर की मौजूदगी के दौरान सार्वजनिक कार्यक्रम से मंत्री के अचानक चले जाने को लेकर शिवनकुट्टी की कड़ी आलोचना की।
उसने इसे ‘‘प्रोटोकॉल का गंभीर उल्लंघन और राज्यपाल के संवैधानिक पद का घोर अपमान’’ करार दिया। राजभवन ने यह बयान कार्यक्रम से शिवनकुट्टी के अचानक चले जाने के कुछ घंटों बाद जारी किया था।
मंत्री ने कार्यक्रम के दौरान भारत माता का चित्र प्रदर्शित किये जाने को लेकर विरोध जताया था क्योंकि ऐसा दावा किया जाता है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यक्रमों में इस चित्र का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।
भाषा सुभाष पवनेश
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