पुणे, 19 जून (भाषा) महाराष्ट्र के पुणे जिले में 2022 में मात्र तीन विद्यार्थियों वाले एक सरकारी स्कूल का भविष्य अंधकारमय स्थिति में जा पहुंचा था और छात्र संख्या को देखते हुए प्राधिकारियों ने इसे बंद करने पर विचार करना शुरू कर दिया था।
लेकिन फिर यहां ऐसा बदलाव आया जो किसी ने सोचा नहीं था। खेड़ तहसील के जालिंदरनगर के इस जिला परिषद स्कूल में यह सब हुआ राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शिक्षक दत्तात्रय वारे के स्थानांतरण के बाद। कुछ विवाद के कारण उन्हें यहां स्थानांतरित किया गया था।
तीन साल बाद यह स्कूल वैश्विक तौर पर सुर्खियों में है, क्योंकि इसे प्रतिष्ठित ‘वर्ल्ड्स बेस्ट स्कूल प्राइज़’ के सामुदायिक सहयोग श्रेणी में शीर्ष 10 दावेदारों में शामिल किया गया है।
गुरुजी के नाम से प्रसिद्ध वारे, स्कूल में इस उल्लेखनीय बदलाव का आधार बने हैं और अब यहां 120 से अधिक छात्र हैं। उन्होंने कई अभिनव शिक्षण पद्धतियां शुरू की हैं, जिनमें ‘विषय मित्र’ प्रणाली भी शामिल है, जिसमें अलग-अलग उम्र के छात्र एक-दूसरे को पढ़ाते और सीखते हैं।
उन्होंने स्थानीय समुदाय के सक्रिय सहयोग से स्कूल के बुनियादी ढांचे का भी व्यापक तौर पर पुनरुद्धार किया। वारे ने इससे पहले शिरुर तहसील के वाबलवाड़ी में जिला परिषद स्कूल में अपने काम के लिए व्यापक तौर पर सराहना अर्जित की थी।
कड़ी साक्षात्कार प्रक्रिया और मूल्यांकन चरणों के बाद, जलिंदरनगर का जिला परिषद स्कूल अब ब्रिटेन स्थित टी4 एजुकेशन द्वारा आयोजित ‘वर्ल्ड्स बेस्ट स्कूल प्राइज़’ प्रतियोगिता में शीर्ष 10 दावेदारों में शामिल है।
वारे ने बताया कि जलिंदरनगर जिला परिषद स्कूल देश का एकमात्र स्कूल है, जिसने सामुदायिक सहयोग की श्रेणी में यह उपलब्धि हासिल की है।
वारे ने कहा कि उन्हें इस उपलब्धि के बारे में 18 जून को पता चला।
उन्होंने कहा, ‘‘अगले चरण में इन 10 दावेदारों में से अंतिम विजेता का निर्धारण सार्वजनिक मतदान के माध्यम से किया जाएगा। हम आम जनता से अपील करते हैं कि वे आगे आएं और स्कूल को यह उपलब्धि हासिल करने में मदद करने के लिए वोट करें।
इस पुरस्कार के लिए भारत के अलावा अंतिम चरण में पहुंचने वाले अन्य नौ स्कूल ब्राजील, ब्रिटेन, दुबई, पाकिस्तान, इटली, कोस्टा रिका और अर्जेंटीना देशों के हैं।
टी4 एजुकेशन एक वैश्विक मंच है जो शिक्षा में परिवर्तन लाने के लिए 100 से अधिक देशों के दो लाख से अधिक शिक्षकों के समुदाय को एक साथ लाता है।
भाषा यासिर पवनेश
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