बेंगलुरु, 19 जून (भाषा) कर्नाटक सरकार के मंत्री प्रियांक खरगे ने राज्य में निवेश को लेकर बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ बातचीत करने के लिए प्रस्तावित अमेरिकी दौरे की अनुमति न देने पर बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार की आलोचना की।
सूत्रों के अनुसार, खरगे को ‘बायो 2025’ के लिए बोस्टन और ‘डिजाइन ऑटोमेशन कॉन्फ्रेंस’ के लिए सैन फ्रांसिस्को में एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करना था।
हालांकि, अनुमति न मिलने के कारण खरगे को अपनी यात्रा बीच में ही रोकनी पड़ी और बुधवार रात को पेरिस से बेंगलुरु लौटना पड़ा।
खरगे ने विदेश मंत्रालय के समक्ष इस मामले को उठाने और अनुमति न देने के लिए जवाब मांगने का संकल्प लिया।
सूचना प्रौद्योगिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी मंत्रालय का प्रभार संभाल रहे खरगे ने यहां संवाददाताओं से कहा, “ऐसा लगता है कि कहीं न कहीं केंद्र, कर्नाटक की प्रतिष्ठा में कमी की कोशिश कर रहा है।”
उन्होंने केंद्र सरकार के अनुमति न देने के अधिकार को स्वीकार किया लेकिन इस निर्णय के लिए स्पष्टीकरण की आवश्यकता पर जोर दिया।
खरगे ने कहा, “मेरे आधिकारिक दौरे को अस्वीकार करना अनुचित है।”
मंत्री ने कहा कि वह इस मुद्दे को केंद्र के समक्ष उठाएंगे।
खरगे ने कहा, “हम इसे ऐसे ही नहीं छोड़ेंगे। मैं विदेश मंत्रालय को पत्र लिखकर इस बात का वैध स्पष्टीकरण मांगूंगा कि हमारे प्रतिनिधिमंडल को क्यों नहीं जाने दिया गया और भारत सरकार से समर्थन क्यों नहीं मिला।”
उन्होंने मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखने का भी अनुरोध किया।
खरगे ने यह भी कहा कि वह राजनीति पर चर्चा करने के लिए नहीं बल्कि निवेश लाने के लिए अमेरिका जा रहे थे।
मंत्री ने जोर देकर कहा, “अमेरिका में लोगों के पास हमारी राजनीति की जानकारी लेने का समय नहीं है। हम उन्हें कर्नाटक में निवेश करने के लिए आमंत्रित करने जा रहे थे। कर्नाटक में आने वाले निवेश से न केवल राज्य को बल्कि केंद्र को भी लाभ होगा।”
भाषा जितेंद्र पवनेश
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