नयी दिल्ली, 20 जून (भाषा) संस्कृति मंत्रालय 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर देशभर में 100 प्रसिद्ध स्थलों और 50 अन्य सांस्कृतिक स्थलों पर योग सत्र आयोजित करेगा, जिनमें यूनेस्को के कुछ विरासत स्थल भी शामिल हैं।
मंत्रालय ने कहा कि ये सत्र आंध्र प्रदेश के विखापत्तनम में आयोजित किए जा रहे मुख्य समारोहों के साथ पूरक कार्यक्रमों के रूप में आयोजित किए जाएंगे।
विशाखापत्तनम में आयोजित मुख्य समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ राज्य के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण भी शामिल होंगे।
बयान में कहा गया कि यूनेस्को के जिन विश्व धरोहर स्थलों में योग सत्र आयोजित किए जाएंगे, उनमें चराईदेव मोइदम (असम), रानी की वाव और धोलावीरा (गुजरात), हम्पी और पट्टाडकल (कर्नाटक), खजुराहो स्मारक समूह और सांची स्तूप (मध्य प्रदेश), कोणार्क का सूर्य मंदिर (ओडिशा), एलीफेंटा गुफाएं (महाराष्ट्र) और तंजावुर का बृहदीश्वर मंदिर (तमिलनाडु) शामिल हैं।
संस्कृति मंत्रालय ने कहा कि वह 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर ‘‘देश भर में 100 पर्यटन-आधारित प्रसिद्ध स्थलों और 50 से अधिक सांस्कृतिक स्थलों’’ पर योग सत्र आयोजित करेगा।
केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत राजस्थान के जोधपुर में ऐतिहासिक मेहरानगढ़ किले में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम में भाग लेंगे।
मंत्रालय ने कहा कि कुछ अन्य प्रमुख सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थल जैसे गोलकुंडा किला और सालारजंग संग्रहालय (हैदराबाद), हुमायूं का मकबरा, पुराना किला और सफदरजंग मकबरा (दिल्ली), जलियांवाला बाग (पंजाब), चित्तौड़गढ़ और कुंभलगढ़ किले (राजस्थान), लेह पैलेस (लद्दाख), परी महल (श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर), बेकल किला (केरल), और हजारद्वारी तथा कूच बिहार पैलेस (पश्चिम बंगाल) जैसे अन्य स्थलों पर भी सत्र आयोजित किए जाएंगे।
पर्यटन मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि वह 21 जून को सुबह 6 से 8 बजे तक कुतुब मीनार परिसर के प्रतिष्ठित सन डायल लॉन में ‘सामूहिक योग सत्र’ का आयोजन करेगा, जो यूनेस्को का विश्व धरोहर स्थल भी है।
मंत्रालय ने कहा कि इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की वैश्विक थीम ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग’ है जो मानव कल्याण और पारिस्थितिक संतुलन के बीच गहन संबंध को रेखांकित करती है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 11 दिसंबर, 2014 को 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की थी।
भाषा वैभव मनीषा
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