इंफाल, 20 जून (भाषा) मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में एक बुजुर्ग कुकी महिला की हत्या के विरोध में एक आदिवासी संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा आहूत अनिश्चितकालीन बंद से शुक्रवार को सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा।
बाजार और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे, जबकि ‘इंडीजीनियस ट्रायबल लीडर्स फोरम’ (आईटीएलएफ) के कार्यकर्ताओं ने जिले में कई सड़कें अवरूद्ध कर दीं, जिससे वाहनों की आवाजाही बाधित हो गई। इन कार्यकर्ताओं में महिलाएं भी शामिल थीं।
हाथों में लाठियां लिये प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों और अज्ञात हथियारबंद बदमाशों के बीच गोलीबारी में लामखोल्हिंग हाओकिप नामक बुजुर्ग महिला की मौत के विरोध में सड़कों पर प्रदर्शन किया।
एक अधिकारी ने बताया कि सरकारी कार्यालयों में उपस्थिति कम रही, जबकि शैक्षणिक संस्थान बंद रहे। आईटीएलएफ ने बृहस्पतिवार शाम को सुरक्षा बलों और हथियारबंद लोगों के बीच गोलीबारी में हाओकिप के मारे जाने के बाद बंद की घोषणा की थी।
यह घटना उस समय हुई जब सुरक्षा बल लांगचिंगमंबी और हेइचांगलोक इलाकों में अभियान चलाने गए थे। सुरक्षाकर्मियों को देखकर हथियारबंद बदमाशों ने उनपर गोलियां चला दीं, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई।
आईटीएलएफ ने जनजातीय लोगों और उनकी भूमि की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की। संगठन ने संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में बफर जोन के बार-बार उल्लंघन की स्वतंत्र जांच की मांग की।
इस बीच, शुक्रवार दोपहर एक बजे से कंगपोकपी जिले में 24 घंटे के बंद का भी आह्वान किया गया है। बंद के फैसले का आदिवासी एकता समिति और अन्य संगठनों ने समर्थन किया है।
मई 2023 से मेइती और कुकी-जो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 260 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। एन बीरेन सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद केंद्र ने 13 फरवरी को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था। राज्य विधानसभा को निलंबित कर दिया गया है, हालांकि इसका कार्यकाल 2027 तक है।
भाषा आशीष सुरेश
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