(अदिति खन्ना)
लंदन, 20 जून (भाषा) विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भारत की उभरती महत्वपूर्ण भूमिका के कारण ब्रिटेन को उसके साथ वैज्ञानिक और शैक्षणिक संबंधों को बेहतर बनाना चाहिए। ब्रिटेन के विज्ञान, अनुसंधान एवं नवाचार मंत्री ने यह बात कही है।
लॉर्ड पैट्रिक वैलेंस ने बृहस्पतिवार को लंदन के विज्ञान संग्रहालय में ‘इंडिया ग्लोबल फोरम’ के ‘फ्यूचर फ्रंटियर्स फोरम’ में ‘अभिनव पहल के नवीन युग में ब्रिटेन भारत गठजोड़ का प्रारंभ’ विषय पर एक सत्र के दौरान ‘ग्लोबल टैलेंट वीजा’ के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा उच्च-कुशल पेशेवरों को ब्रिटेन को आमंत्रित करने और सभी क्षेत्रों में कौशल का उपयोग करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
मंत्री ने खुलासा किया कि ब्रिटेन सरकार की बहुप्रतीक्षित औद्योगिक रणनीति कुछ ही हफ्तों में जारी की जाएगी। इस रणनीति में भारत के साथ इस तरह की साझेदारी के लिए चुनिंदा क्षेत्रों का खाका तैयार किया जाएगा।
वैलेंस ने कहा, “भारत और ब्रिटेन के बीच पहले से ही मजबूत संबंध हैं और मुझे लगता है कि यह और भी मजबूत हो रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, “लेकिन विज्ञान पर विभिन्न सरकारों के आपसी संबंध वास्तव में सब कुछ तय नहीं करते हैं। इसके लिए दोनों देशों में वैज्ञानिकों की जरूरत होती है। अकादमिक संबंध महत्वपूर्ण हैं। मैं इसे और अधिक मजबूत देखना चाहूंगा क्योंकि भारत विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।”
इससे पहले वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने दोनों देशों के बीच हुए मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के क्षेत्र-व्यापी लाभों पर मंच को संबोधित किया था।
गोयल ने कहा, “मुक्त व्यापार समझौता दुनिया को यह दर्शाता है कि दोनों देश मित्र व सहयोगी हैं और मिलकर काम करने की योजना बना रहे हैं। साथ ही एक-दूसरे पर भरोसा करते हैं।”
भाषा जितेंद्र माधव
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