नयी दिल्ली, 20 जून (भाषा) कोचिंग संस्थानों और ‘डमी स्कूलों’ के बढ़ते चलन के साथ-साथ प्रवेश परीक्षाओं की प्रभावशीलता और निष्पक्षता की जांच के लिए शिक्षा मंत्रालय ने नौ सदस्यीय समिति गठित की है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी है।
उच्च शिक्षा सचिव विनीत जोशी की अध्यक्षता वाली समिति उच्च शिक्षा में प्रवेश के लिए कोचिंग सेंटरों पर छात्रों की निर्भरता कम करने के उपाय सुझाएगा।
शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “समिति मौजूदा स्कूल शिक्षा प्रणाली में मौजूद उन खामियों की जांच करेगी, जिनके कारण छात्र कोचिंग सेंटरों पर निर्भर हो जाते हैं। विशेष रूप से यह समिति इस बात पर गौर करेगी कि किस तरह रटने की प्रवृत्ति हावी है और आलोचनात्मक सोच, तार्किक विवेक, विश्लेषणात्मक क्षमता और नवाचार पर सीमित ध्यान दिया जा रहा है।”
अधिकारी ने कहा, “ ‘डमी स्कूलों’ के उभरने के पीछे के कारणों की जांच की जाएगी और समिति औपचारिक स्कूली शिक्षा की कीमत पर पूर्णकालिक कोचिंग को प्रोत्साहित करने में उनकी भूमिका का अध्ययन करेगी तथा उन्हें कम करने के उपाय सुझाएगी।”
समिति स्कूल शिक्षा प्रणाली के संदर्भ में प्रतियोगी प्रवेश परीक्षाओं की प्रभावशीलता और निष्पक्षता तथा कोचिंग उद्योग के विकास पर उनके प्रभाव का अध्ययन करेगी।
भाषा प्रशांत माधव
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