नयी दिल्ली, 20 जून (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने स्कॉटलैंड में यौन उत्पीड़न, बलात्कार और अश्लील भाषा का प्रयोग करने के आरोपों का सामना कर रहे एक भगोड़े व्यक्ति के प्रत्यर्पण की अनुमति दे दी है।
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रणव जोशी केंद्र के दिसंबर 2024 के आदेश से संबंधित मामले की सुनवाई कर रहे थे, जिसमें अदालत से अनुरोध किया गया था कि वह यह निर्धारित कर प्रत्यर्पण अनुरोध की पड़ताल करे कि क्या भगोड़े अपराधी नैजिल पॉल के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बनता है।
अदालत ने नौ जून के आदेश में कहा, ‘‘भारत संघ से अनुरोध है कि वह भगोड़े अपराधी नाइजील पॉल को ब्रिटेन एवं उत्तरी आयरलैंड की सरकार को प्रत्यर्पित करे, ताकि राजनयिक चैनल के माध्यम से स्कॉटलैंड के ग्लासगो स्थित उच्च न्यायालय के समक्ष उसके खिलाफ अभियोग में आरोपों की सुनवाई हो सके।’’
इसने कहा कि प्रत्यर्पण की औपचारिकताएं पूरी होने तक पॉल तिहाड़ जेल में ही रहेगा।
ब्रिटेन में आपराधिक मुकदमे से बचने के लिए पॉल भागकर भारत आ गया था, लेकिन उसे केरल के कोच्चि से गिरफ्तार कर लिया गया और राष्ट्रीय राजधानी लाया गया।
केंद्र के आदेश के अनुसार, ब्रिटिश सरकार ने पॉल के प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध प्रस्तुत किया था जो स्कॉटलैंड में यौन उत्पीड़न, अश्लील भाषा तथा अन्य अपराधों के मामले में वांछित है।
भाषा नेत्रपाल नरेश
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