मुंबई, 20 जून (भाषा) केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि देश के भीतर सहकारिता क्षेत्र में वृद्धि असमान रही है और सरकार का इरादा इसे एकसमान रूप देने का है।
शाह ने ‘भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड’ (नैफेड) की तरफ से आयोजित एक सहकारिता सम्मेलन में कहा कि सहकारिता क्षेत्र केवल देश के पश्चिमी भागों में ही स्थिर रहा जबकि उत्तरी और पूर्वी क्षेत्रों में यह कमजोर रहा।
उन्होंने कहा कि सरकार का मकसद इस क्षेत्र की वृद्धि को एकसमान रूप देना है। सहकारी क्षेत्र सीमित पूंजी के साथ अधिक लाभ प्रदान करके अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देता है।
शाह ने कहा, ‘हम देश में सभी स्तरों पर सहकारिता क्षेत्र को मजबूत करके इसकी प्रगति करेंगे।’
शाह ने कहा कि जीडीपी देश की वृद्धि का एकमात्र मापदंड नहीं है। सहकारी क्षेत्र कम पूंजी में अधिक लाभ और रोजगार के अवसर प्रदान करके वृद्धि एवं अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देता है।
उन्होंने कहा कि सहकारिता आंदोलन ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था में क्रांति लाने का भी काम किया। उन्होंने गुजरात में डेयरी सहकारी समिति अमूल का जिक्र करते हुए कहा कि आज इसका कारोबार 80,000 करोड़ रुपये है।
शाह ने कहा, ‘सहकारिता मंत्रालय ने देश में सहकारी इकाइयों के आंकड़े जुटाए हैं, ताकि सरकार को पता चले कि कहां कमी है और वह इस क्षेत्र के विस्तार की दिशा में कदम उठाए।’
उन्होंने कहा कि दो लाख नई प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (पैक्स) बनाई जाएंगी और उन्हें बहुआयामी स्वरूप भी दिया जाएगा।
सहकारिता मंत्री ने जैविक खेती को बढ़ावा देने का उल्लेख करते हुए कहा कि बीजों की सुरक्षा और संरक्षण किया जा रहा है और बीजों के उत्पादन को बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘हम अगले 10 वर्षों में निर्यात, जैविक खाद्य और बीजों में इस क्षेत्र को बढ़ावा देने की योजना बना रहे हैं।’
शाह ने कहा कि किसान अगर नैफेड के ऐप पर रजिस्टर करते हैं तो वे दाल, मक्का और तिलहन की बिक्री नैफेड को कर सकते हैं। लेकिन अगर बाजार भाव अधिक है तो वे सीधे उपज बेच सकते हैं।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
रमण