नयी दिल्ली, 20 जून (भाषा) दिग्गज अभिनेत्री शबाना आजमी ने कहा कि बहुत से लोग इस बात को नहीं जानते कि फरहान अख्तर के सुझाव के बाद फिल्म ‘फायर’ को आखिर में हिंदी से अंग्रेजी में बदल दिया गया था।
शबाना ने हाल ही में ‘फायर’ की निर्देशक दीपा मेहता और फिल्म में उनकी सह-कलाकार नंदिता दास से मुलाकात की थी।
समलैंगिक संबंधों पर आधारित यह फिल्म रिलीज के समय विवादों से घिरी हुई थी लेकिन अब इसे भारतीय सिनेमा में एलजीबीटीक्यू कहानियों का आधार माना जाता है।
शबाना ने ‘इंस्टाग्राम’ पर मेहता और दास के साथ अपनी एक तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा, “फायर’ तिकड़ी। 25 साल बाद। यह फिल्म पूरी दुनिया में संदर्भ बिंदु बनी हुई है। बहुत कम लोग जानते हैं कि फिल्म कुछ अलग थी। युवा फरहान अख्तर की सलाह के बाद आखिर में फिल्म की भाषा को बदल दिया गया।”
फिल्म में दास ने सीता और आजमी ने राधा का किरदार निभाया था। दोनों किरदारों के बीच समलैंगिक संबंधों को दर्शाये जाने के कारण फिल्म को विरोध का सामना करना पड़ा और रिलीज में कई बाधाएं खड़ी हो गयीं।
वैवाहिक जीवन में प्यार नहीं मिल पाने के बाद सीता और राधा के बीच प्रेम पनपता है और दोनों के बीच भावनात्मक बंधन बन जाता है।
फिल्म के अंत में दोनों को समाज की नामंजूरी के बाद अलग-अलग रहना स्वीकार करना होता है।
शबाना (74) ने कहा कि फिल्म शुरू में हिंदी में थी, लेकिन आखिरी में संवाद अंग्रेजी में कर दिये गये।
उन्होंने कहा, “इसके अलावा फिल्म को मूल रूप से हिंदी में फिल्माया जाना था, लेकिन संवाद सही नहीं लगे। इसलिए फिल्म की शूटिंग से दो दिन पहले दीपा मेहता ने निर्माता बॉबी बेदी की मंजूरी के बाद फिल्म की भाषा को अंग्रेजी रखने का फैसला किया। भगवान का शुक्र है कि अभिनेता द्विभाषी थे और चुनौती का सामना कर सके।”
‘फायर’, भारत में पांच नवंबर 1998 को रिलीज हुई थी लेकिन इसकी रिलीज के दौरान इसे कई बार विरोध का सामना करना पड़ा था हालांकि फिल्म पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं लगाया गया था लेकिन इसे सिनेमाघरों से हटा लिया गया और बाद में फरवरी 1999 में फिर से रिलीज किया गया।
भाषा जितेंद्र माधव
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