गंगटोक, 20 जून (भाषा) सिक्किम के नाथूला दर्रे से कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए 33 तीर्थयात्रियों और दो समन्वय अधिकारियों का पहला जत्था शुक्रवार को रवाना हो गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि पूर्वी सिक्किम में भारत-चीन सीमा पर आयोजित एक समारोह में राज्यपाल ओम प्रकाश माथुर ने यात्रा को हरी झंडी दिखाई।
यह कार्यक्रम विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित किया गया था।
राज्य सरकार और सिक्किम की जनता की ओर से पर्यटन और नागरिक उड्डयन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सीएस राव ने तीर्थयात्रियों का स्वागत किया।
राव ने बताया कि पहले जत्थे में 33 तीर्थयात्री और दो समन्वय अधिकारी शामिल हैं। इन दो अधिकारियों में एक विदेश मंत्रालय से और दूसरा भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) से हैं।
उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों की सुरक्षा, सुविधा और यात्रा के सुचारू संचालन के लिए राज्य सरकार ने संबंधित विभागों और अर्धसैनिक बलों के साथ समन्वय कर सभी आवश्यक प्रबंध किए हैं।
राज्यपाल ने अपने संबोधन में, छह वर्ष बाद यात्रा फिर शुरू होने पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि यह केंद्र सरकार के निरंतर प्रयासों से संभव हो पाया है।
इस वर्ष 750 भारतीय तीर्थयात्रियों का कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए चयन किया गया है, जिनमें से 500 तीर्थयात्री 10 समूहों में नाथूला दर्रे से और 250 श्रद्धालु लिपुलेख दर्रे (उत्तराखंड) से यात्रा करेंगे।
भाषा राखी अविनाश
अविनाश