पटना, 20 जून (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुक्रवार को सिवान से डिजिटल माध्यम से हरी झंडी दिखाकर रवाना की गई देश की 71वीं वंदे भारत ट्रेन से पाटलिपुत्र और गोरखपुर के बीच यात्रा का समय कम से कम दो घंटे कम हो जाएगा, जिससे यात्रियों को काफी सुविधा होगी। रेल मंत्रालय ने यह बात कही।
ट्रेन की उद्घाटन रवानगी शुक्रवार को अपराह्न करीब एक बजे पटना के पाटलिपुत्र स्टेशन से हर्षोल्लास और जश्न के बीच हुई।
रेल मंत्रालय ने इसके व्यावसायिक संचालन की तारीख की घोषणा नहीं की है, लेकिन हाल ही में जारी अधिसूचना के अनुसार, यह ट्रेन गोरखपुर से सुबह 5.40 बजे चलेगी और अपराह्न 12.45 बजे पाटलिपुत्र पहुंचेगी। वापसी में यह ट्रेन उसी दिन अपराह्न 3.30 बजे पाटलिपुत्र से चलेगी और रात्रि 10.30 बजे गोरखपुर पहुंचेगी।
स्थानीय भाजपा विधायक संजीव चौरसिया ने कहा, ‘‘यह ट्रेन बिहार के लोगों के लिए माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से एक उपहार है, क्योंकि इससे न केवल उपलब्ध परिवहन साधनों की तुलना में यात्रा का समय दो घंटे कम होगा, बल्कि यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं भी मिलेंगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वंदे भारत ट्रेन देश का गौरव है, क्योंकि इसमें यात्रियों को ट्रेन की गति, वर्तमान और आगामी स्टेशनों आदि के बारे में सूचित करने के लिए एलईडी डिस्प्ले पैनल हैं; इसमें बायो वैक्यूम शौचालय, उन्नत सुरक्षा प्रणाली कवच और तेज यात्रा संबंधी सुविधा है।’’
रेल मंत्रालय के अनुसार, यह ट्रेन शनिवार को छोड़कर सप्ताह में छह दिन चलेगी और यह बिहार तथा उत्तर प्रदेश दोनों के स्टेशनों से होकर गुजरेगी।
इनमें कुछ स्टेशन हाजीपुर, मुजफ्फरपुर, बापूधाम मोतिहारी, सुगौली, बेतिया, नरकटियागंज और बगहा हैं।
रेलवे बोर्ड के सूचना एवं प्रचार विभाग के कार्यकारी निदेशक दिलीप कुमार ने कहा, ‘‘पाटलिपुत्र-गोरखपुर वंदे भारत सहित बिहार और उत्तर प्रदेश में ऐसी कुल 28 ट्रेन संचालित हो रही हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पहली वंदे भारत ट्रेन, जिसे 15 फरवरी, 2019 को माननीय प्रधानमंत्री ने हरी झंडी दिखाई थी। पाटलिपुत्र-गोरखपुर के बीच चलने वाली यह 71वीं वंदे भारत ट्रेन है। आज वंदे भारत ट्रेन 24 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और 330 जिलों से होकर गुजरती हैं।’’
इस ट्रेन से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में कटरा और श्रीनगर के बीच दो वंदे भारत रेलगाड़ियों को हरी झंडी दिखाई थी।
अधिकारियों ने बताया कि वंदे भारत ट्रेन 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं, लेकिन सभी रेल नेटवर्क पर 130 किलोमीटर प्रति घंटे की गति सीमा के कारण देश को अभी तक इसकी गति का लाभ नहीं मिल पाया है।
रेलवे के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘कवच प्रणाली के साथ भी यही स्थिति है, जो लोको पायलट के ब्रेक लगाने में विफल रहने पर ट्रेन को स्वचालित रूप से रोक सकती है। चूंकि कवच के अन्य घटक जैसे स्टेशन कवच और ट्रैकसाइड उपकरण आदि अभी तक नहीं लगे हैं, इसलिए हम अभी तक इसकी महत्वपूर्ण विशेषता का लाभ नहीं उठा पाए हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि देश में कवच की स्थापना का काम तेजी से जारी है, इसलिए हमें उम्मीद है कि यात्रियों को जल्द ही इन सुरक्षा उपकरणों का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।’’
भाषा नेत्रपाल दिलीप
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