चेन्नई, 20 जून (भाषा) मद्रास उच्च न्यायालय ने फिल्म निर्माता आकाश भास्करन और कारोबारी विक्रम रवींद्रन के खिलाफ तमिलनाडु राज्य विपणन निगम लिमिटेड (टासमेक) से जुड़े कथित 1,000 करोड़ रुपये के धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा छापेमारी व जब्ती करने सहित सभी कार्रवाई पर शुक्रवार को रोक लगा दी।
न्यायमूर्ति एमएस रमेश और न्यायमूर्ति वी लक्ष्मीनारायणन की खंडपीठ ने भास्करन और विक्रम द्वारा ईडी की कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अंतरिम रोक लगा दी।
वरिष्ठ वकील विजय नारायणन और अबुदुकुमार ने दलील दी कि याचिकाकर्ताओं का टासमेक के कार्यों से कोई संबंध नहीं है और सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (डीवीएसी) द्वारा लगाये गये अपराधों के लिए दर्ज कथित 41 प्राथमिकियों में उनके मुवक्किल के खिलाफ कोई आरोप या पूर्ववर्ती अपराध दर्ज नहीं किया गया।
वरिष्ठ वकीलों ने धनशोधन निवारण अधिनियम की धारा 17 की वैधता पर भी सवाल उठाया।
पीठ ने अपने आदेश में कहा कि चूंकि याचिकाकर्ताओं ने अपने ऊपर लगे आरोपों से संबंधित किसी भी संलिप्तता से पूरी तरह इनकार किया है इसलिए अदालत ने 13 जून, 2025 के अंतरिम आदेश के माध्यम से विशेष लोक अभियोजक को सीलबंद लिफाफे में उनके पास मौजूद सूचना का आधार बनने वाली सामग्री पेश करने को कहा था।
पीठ ने विशेष लोक अभियोजक से ऐसे सबूत पेश करने को कहा था, जिससे यह साबित हो कि याचिकाकर्ताओं ने कोई ऐसा कार्य किया है, जिस कारण उनपर धन शोधन का मामला बनता हो या फिर उनके पास अपराध की कोई आय, रिकॉर्ड या संपत्ति हो।
पीठ ने कहा कि 17 जून को विशेष लोक अभियोजक ने एक सीलबंद लिफाफे में बिना तारीख और बिना हस्ताक्षर वाला संक्षिप्त स्पष्टीकरण नोट व सहायक सामग्री पेश की, जिसमें दावा किया गया कि यह याचिकाकर्ताओं के बारे में उनके पास मौजूद जानकारी है, जिसके कारण उन्होंने छापेमारी शुरू की थी।
पीठ ने कहा कि 17 जून को पेश किया गया संक्षिप्त स्पष्टीकरण नोट उस सूचना या सामग्री से भी संबंधित नहीं है, जैसा कि निदेशालय अपनी पहले की दलीलों में दावा करता रहा है कि उसके पास ठोस जानकारी है।
पीठ ने कहा कि यह संक्षिप्त स्पष्टीकरण नोट निदेशालय के पास मौजूद किसी भी सूचना का खुलासा नहीं करता है और न ही उन्हें याचिकाकर्ताओं के परिसर पर छापेमारी और जब्ती अभियान चलाने के लिए अधिकृत करता है।
पीठ ने मामले की सुनवाई के लिए 16 जुलाई की तारीख तय की है।
भाषा
जितेंद्र माधव
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