नयी दिल्ली, 20 जून (भाषा) भारतीय सेना ने शुक्रवार को कहा कि उसने स्वदेशी ‘पोस्ट-क्वांटम क्रिप्टोग्राफी’ अनुप्रयोगों के विकास के साथ क्वांटम प्रौद्योगिकियों के उपयोग में एक ‘‘महत्वपूर्ण छलांग’’ लगाई है।
इस कदम का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में अपनी क्षमताओं को मजबूत करना और यह सुनिश्चित करना है कि सेना ‘‘लगातार विकसित हो रहे प्रौद्योगकीय परिदृश्य’’ में भविष्य के लिए तैयार रहे।
भारतीय सेना के एडीजी, पीआई ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में ‘क्वांटम प्रौद्योगिकी के साथ कल के युद्धक्षेत्र को सक्षम बनाना’ शीर्षक से कुछ तस्वीरें भी साझा कीं।
भारतीय सेना ने वर्ष 2024 को ‘प्रौद्योगिकी समावेश का वर्ष’ घोषित किया था तथा वह अपने भंडार में विशिष्ट प्रौद्योगिकी और प्रणालियों को शामिल करने के लिए विभिन्न पहल कर रही है।
पोस्ट में कहा गया, ‘‘भारतीय सेना ने स्वदेशी ‘पोस्ट-क्वांटम क्रिप्टोग्राफी’ (पीक्यूसी) अनुप्रयोगों के विकास के साथ क्वांटम प्रौद्योगिकियों के उपयोग में एक महत्वपूर्ण छलांग लगाई है।’’
इसमें कहा गया कि इन अनुप्रयोगों को सिग्नल कोर के तत्वावधान में और सेना प्रमुख के प्रौद्योगिकी अनुसंधान दृष्टिकोण के अनुरूप सैन्य दूरसंचार इंजीनियरिंग कॉलेज (एमसीटीई), महू द्वारा विकसित किया गया है।
भाषा नेत्रपाल माधव
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