नयी दिल्ली, 20 जून (भाषा) राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने शुक्रवार को कहा कि उसने आंध्र प्रदेश सरकार और राज्य के पुलिस महानिदेशक को उन खबरों पर नोटिस जारी किया है, जिनमें कहा गया था कि चित्तूर जिले के एक गांव में एक व्यक्ति के ऋण चुकाने में नाकाम रहने पर उसकी पत्नी को साहूकार ने कथित तौर पर एक पेड़ से बांध दिया और सरेआम पिटाई की।
आयोग ने एक बयान में कहा है कि यदि मीडिया में आई खबरों की विषय-वस्तु सही है, तो यह मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा है।
एनएचआरसी ने मीडिया में आई उस खबर का स्वत: संज्ञान लिया, जिसमें कहा गया है कि 16 जून को आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के कुप्पम मंडल के नारायणपुरम गांव में एक महिला को साहूकार ने पेड़ से बांध दिया और सरेआम उसकी पिटाई की, क्योंकि उसका पति कर्ज नहीं चुका पाया था।
आयोग ने कहा कि महिला को कथित तौर पर ग्रामीणों ने मुक्त कराया।
बयान में कहा गया कि आयोग ने आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
मीडिया में 17 जून को आई खबर के अनुसार, पीड़िता के पति ने करीब तीन साल पहले एक स्थानीय साहूकार से 80,000 रुपये कर्ज लिया था, लेकिन वह उसे चुकाने में विफल रहा।
बयान में कहा गया है, ‘‘उसने अन्य ग्रामीणों से भी कर्ज लिया था। कर्ज चुकाने में असमर्थ होने के कारण वह गांव छोड़कर चला गया और तब से उसकी पत्नी दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम करके अपना और अपने तीन बच्चों का भरण-पोषण कर रही है। वह लोगों का कर्ज किस्तों में चुका भी रही है।’’
भाषा
सुभाष माधव
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