पेरिस, 21 जून (भाषा) भारत के स्टार भाला फेंक खिलाड़ी और यहां पेरिस डायमंड लीग का खिताब जीतने वाले नीरज चोपड़ा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में लगातार 90 मीटर से अधिक दूरी तक भाला फेंकने के लिए उन्हें अपनी प्रमुख मांसपेशियों पर कड़ी मेहनत करनी होगी और शरीर को अधिक मजबूत बनाना होगा।
दो बार के ओलंपिक पदक विजेता चोपड़ा ने शुक्रवार को 88.16 मीटर के थ्रो के साथ दो साल में अपना पहला डायमंड लीग खिताब जीता, लेकिन वह इस साल की शुरुआत में दोहा डायमंड लीग में दर्ज किए गए 90.23 मीटर के अपने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की बराबरी करने या उससे आगे निकलने में असफल रहे। दोहा में वह अपने जर्मन प्रतिद्वंद्वी जूलियन वेबर के बाद दूसरे स्थान पर रहे थे।
चोपड़ा ने कहा, ‘‘ मुझे थ्रो करते समय और अधिक नियंत्रण बनाने की जरूरत है। हम अभ्यास में इस पर काम कर रहे हैं लेकिन अभी कई चीजों को बदलना होगा। मुझे लगता है कि लगातार अच्छा प्रदर्शन करने के लिए मुझे मजबूत मांसपेशियों और मजबूत शरीर की जरूरत है।’’
उन्होंने कहा कि वह अपने प्रदर्शन में निरंतरता बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं ताकि अपने प्रशंसकों की उम्मीदों पर खरा उतर सकें।
चोपड़ा ने कहा, ‘‘यह सिर्फ समय और लय की बात है। मैं अधिक से अधिक प्रतियोगिताओं में जीत हासिल करना चाहता हूं।’’
इस शीर्ष एथलीट ने कहा कि वह अपने रन अप से खुश हैं, लेकिन जब थ्रो के समय की बात आती है तो उन्हें कुछ और प्रयास करने होंगे।
चोपड़ा ने कहा, ‘‘मैं रन अप में बहुत अच्छा महसूस करता हूं, लेकिन जब मैं भाला फेंकता हूं तो टाइमिंग इतनी अच्छी नहीं होती। मैं तेजी से बायीं तरफ जाता हूं और यह अच्छा नहीं होता। मुझे छाती की तरफ सामने की ओर भाला फेंकना होता है और भाला ऊपर की ओर फेंकना होता है। हम इस पर काम कर रहे हैं।’’
चोपड़ा ने अपने आगामी कार्यक्रम के बारे में कहा, ‘‘मैं चार दिन बाद 24 जून को ओस्ट्रावा (गोल्डन स्पाइक एथलेटिक मीट) में भाग लूंगा। इसलिए मुझे रिकवरी की जरूरत है।’’
चोपड़ा को आगे जिन प्रतियोगिताओं में भाग लेना है उनमें पांच जुलाई को बेंगलुरू में होने वाली पहली नीरज चोपड़ा क्लासिक भी शामिल है जिसके वह स्वयं मेजबान हैं। विश्व एथलेटिक्स ने इसे ए श्रेणी की प्रतियोगिता का दर्जा दिया है।
चोपड़ा ने 16 मई को डायमंड लीग के दोहा चरण में 90.23 मीटर की दूरी तय करके दूसरा स्थान हासिल किया था। वेबर ने दोहा में 91.06 मीटर की दूरी तय करके खिताब जीता था।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं 90 मीटर तक थ्रो करने की उम्मीद कर रहा हूं, क्योंकि मैंने दोहा में उस बाधा को पार कर लिया था। इसलिए अब मुझे विश्वास है कि मैं आगे भी ऐसा कर सकता हूं लेकिन यह मौसम और परिस्थितियों पर भी निर्भर करता है। हो सकता है कि मैं इस सत्र में फिर से यह दूरी पार करने में सफल रहूं।’’
भाषा
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