(सज्जाद हुसैन)
इस्लामाबाद, 21 जुलाई (भाषा) पाकिस्तान सरकार ने शनिवार को कहा कि उसने हाल में भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान अपने ‘‘निर्णायक कूटनीतिक हस्तक्षेप’’ के लिए 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की औपचारिक रूप से सिफारिश करने का फैसला किया है।
यह घोषणा ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में की गई, जिसका शीर्षक था: ‘‘पाकिस्तान सरकार 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप की सिफारिश करती है’’।
यह घोषणा ट्रंप द्वारा ‘व्हाइट हाउस’ (अमेरिका के राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास एवं कार्यालय) में पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर की मेजबानी के तीन दिन बाद की गई।
पोस्ट में कहा गया है, ‘‘पाकिस्तान सरकार ने हाल में भारत-पाकिस्तान संकट के दौरान निर्णायक कूटनीतिक हस्तक्षेप और महत्वपूर्ण नेतृत्व के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड जे ट्रंप को 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए औपचारिक रूप से सिफारिश करने का फैसला किया है।’’
पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया। भारत ने छह मई और सात मई की रात को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचे पर सटीक हमले किए।
भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन तक सैन्य संघर्ष चला जो 10 मई को दोनों पक्षों के सैन्य अभियानों के महानिदेशकों के बीच वार्ता के बाद सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनने के साथ समाप्त हुआ।
ट्रंप लगातार यह दावा करते रहे हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को रोका है। हालांकि भारत इस बात पर कायम रहा है कि भारतीय सुरक्षा बलों के भीषण जवाबी हमले के कारण पाकिस्तान को शत्रुता समाप्त करने की गुहार लगानी पड़ी।
पाकिस्तान सरकार की ओर से शनिवार को पोस्ट में कहा गया कि ‘‘क्षेत्रीय अशांति बढ़ने के दौरान’’ राष्ट्रपति ट्रंप ने ‘‘पाकिस्तान और भारत दोनों के साथ मजबूत कूटनीतिक जुड़ाव के माध्यम से शानदार रणनीतिक दूरदर्शिता और शानदार राजनेता के रूप में परिचय दिया’’।
पोस्ट में कहा गया कि अमेरिका के राष्ट्रपति ने ‘‘तेजी से बिगड़ती स्थिति को कम किया, जिससे आखिरकार युद्धविराम सुनिश्चित किया जा सका और दो परमाणु संपन्न देशों के बीच व्यापक संघर्ष को टाला जा सका, जिसके क्षेत्र और उससे परे लाखों लोगों के लिए विनाशकारी परिणाम हो सकते थे’’।
पोस्ट में लिखा है, ‘‘यह हस्तक्षेप एक वास्तविक शांतिदूत के रूप में उनकी (ट्रंप की) भूमिका और बातचीत के माध्यम से संघर्ष समाधान के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।’’
सरकार ने जम्मू कश्मीर के मुद्दे को हल करने में मदद करने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप की ‘‘ईमानदारी से की गई पेशकश’’ को भी स्वीकार किया।
सरकार ने कहा कि 2025 के पाकिस्तान-भारत संकट के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप का नेतृत्व ‘‘व्यावहारिक कूटनीति और प्रभावी शांति-निर्माण की उनकी विरासत की निरंतरता को स्पष्ट रूप से दर्शाता है’’।
पोस्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान को उम्मीद है कि ट्रंप के ‘‘ईमानदार प्रयास’’ क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता में योगदान देते रहेंगे, खासकर पश्चिम एशिया में जारी संकटों के संदर्भ में जिसमें गाजा में हो रही मानवीय त्रासदी और ईरान से जुड़ी बिगड़ती स्थिति शामिल है।
इस बीच ट्रंप ने इस बात पर दुख जताया कि उन्हें भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को ‘‘रोकने’’ या रूस-यूक्रेन और इजराइल-ईरान संघर्षों में उनके प्रयासों के लिए नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा।
भाषा सुरभि मनीषा
मनीषा