(फाइल फोटो के साथ)
नयी दिल्ली, 21 जून (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने ब्रिटेन में रहस्यमय स्थिति में अपनी पत्नी की मौत के बाद उसके माता-पिता (सास-ससुर) द्वारा दर्ज कराये गये कथित क्रूरता मामले में गिरफ्तारी के डर से अदालत की शरण में गये व्यक्ति को कोई राहत नहीं दी।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह और न्यायमूर्ति रजनीश कुमार गुप्ता की अवकाशकालीन पीठ पंकज लांबा की याचिका पर सुनवाई कर रही है जिसमें याचिकाकर्ता ने मजिस्ट्रेट के आदेश को चुनौती दी है। पीठ ने कहा कि अगर उसे गिरफ्तार किया जाता है तो वह कानूनी उपायों का लाभ उठा सकता है।
मजिस्ट्रेट ने एक मई को उसे भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया था।
लांबा ने पालम विहार थाने में दर्ज मामले में गिरफ्तारी की आशंका जतायी है लेकिन उच्च न्यायालय ने कहा कि मामले की सुनवाई ‘रोस्टर बेंच’ द्वारा की जानी चाहिए क्योंकि इसमें विभिन्न कानूनी मुद्दे शामिल हैं।
प्रतिभा एम सिंह की अवकाशकालीन पीठ ने 18 जून के आदेश में कहा, ‘‘याचिकाकर्ता (लांबा) के खिलाफ तीन दिसंबर, 2024 को भादंसं की धाराओं 498 ए (पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा विवाहिता के साथ क्रूरता), 406 (आपराधिक विश्वासघात) और 34 (साझा मंशा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है, जिसके अनुसार कहा जा रहा है कि उनकी पत्नी हर्षिता ब्रेला की ब्रिटेन में रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गयी है।’’
उच्च न्यायालय ने कहा कि वर्तमान मामले पर विचार करने की आवश्यकता है, क्योंकि इसमें विभिन्न कानूनी मुद्दे उठाए गए हैं।
पीठ ने कहा,‘‘ इस बात को भी ध्यान में रखा गया है कि याचिकाकर्ता के पिता पहले से ही हिरासत में हैं। तदनुसार, इस मामले को 15 जुलाई को ‘रोस्टर बेंच’ के समक्ष सूचीबद्ध करें।’’
पीठ ने कहा, ‘‘ इस बीच यदि याचिकाकर्ता को गिरफ्तार किया जाता है तो वह कानूनी उपायों का लाभ उठा सकता है।’’
ब्रेला का शव 14 नवंबर, 2024 को पूर्वी लंदन में एक कार से बरामद किया गया था। यह कार उसके पति की थी जो इलफोर्ड के ब्रिसबेन रोड में खड़ी थी।
लांबा के पिता दर्शन सिंह और माता सुनील देवी को इस साल 19 मार्च को गिरफ्तार किया गया था।
ब्रेला के परिवार ने दावा किया था कि यह एक सुनियोजित हत्या थी क्योंकि लांबा पत्नी की बेरहमी से हत्या करने के एक दिन बाद ही भारत भागने में सफल रहा था।
ब्रेला के परिवार ने 19 नवंबर 2024 को थाने में शिकायत दर्ज करायी थी और तीन दिसंबर को उसके पति और ससुराल के अन्य सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
भाषा राजकुमार अविनाश
अविनाश