(विनय शुक्ला)
मॉस्को, 22 जून (भाषा) ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर हुई अमेरिका की बमबारी के बाद, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अपने अमेरिकी समकक्ष डोनाल्ड ट्रंप से बातचीत करने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। क्रेमलिन ने रविवार को यह जानकारी दी।
क्रेमलिन (रूसी सरकार का मुख्यालय) के प्रवक्ता दमित्री पेसकोव ने कहा, ‘‘ऐसी कोई योजना नहीं है।’’ हालांकि, उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर यथाशीघ्र फोन कॉल की व्यवस्था की जा सकती है।
पेसकोव की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है, जब उनसे रविवार को ईरान के तीन परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिकी हमले के बाद ट्रंप और पुतिन के बीच फोन पर बातचीत होने की संभावना के बारे में पूछा गया।
अमेरिका ने ईरान के फोर्दो, इस्फहान और नतांज परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया, जिसका उद्देश्य देश के परमाणु कार्यक्रम को नष्ट करना था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी कि अगर ईरान ने जवाबी कार्रवाई की तो और हमले किए जाएंगे।
रूसी संसद के निचले सदन ड्यूमा की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष एवं सांसद लियोनिद स्लतस्की का मानना है कि सैन्य दृष्टिकोण से, ईरान पर अमेरिका के हमले का कोई आधार या औचित्य नहीं था।
स्लतस्की ने संवाददाताओं से कहा कि ट्रंप को इराक की तरह ही ईरान में भी शासन परिवर्तन की कोशिश में शामिल किया गया है।
रूस के पूर्व राष्ट्रपति दमित्री मेदवेदेव ने कहा कि ईरान अपना परमाणु कार्यक्रम जारी रखेगा, क्योंकि उसका मानना है कि अमेरिकी हमलों से उसके महत्वपूर्ण ढांचे को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।
मेदवेदेव ने अपने टेलीग्राम चैनल पर लिखा, ‘‘ईरान में तीन जगहों पर हमला करके अमेरिकियों ने क्या हासिल किया है? ऐसा लगता है कि परमाणु प्रतिष्ठानों को बिल्कुल भी या थोड़ा भी नुकसान नहीं हुआ ।’’
मेदवेदेव वर्तमान में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष हैं।
भाषा धीरज सुभाष
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