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Tuesday, June 24, 2025

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का दावा: बिहार में जंगल राज की वापसी नहीं होगी

Fast Newsकेंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का दावा: बिहार में जंगल राज की वापसी नहीं होगी

जमशेदपुर, 23 जून (भाषा) केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने सोमवार को कहा कि बिहार की जनता राज्य में ‘‘जंगल राज’’ की वापसी नहीं होने देगी।

सिंह ने दावा किया कि पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के शासनकाल में राज्य में जंगल राज था। वह यहां नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह सहित विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए आए थे।

सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि लोग 2005 से पहले लालू प्रसाद के नेतृत्व में मौजूद अराजकता और जंगल राज के खिलाफ पहले से ही जागरूक और सतर्क हैं।’’

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता ने आगामी चुनावों के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘लोग राजग का समर्थन करेंगे और हमें 200 प्रतिशत विश्वास है कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार बनेगी।’’

राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर द्वारा स्थापित जन सुराज पार्टी और अगली सरकार बनाने के उसके दावों के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने उन्हें खारिज करते हुए कहा, ‘‘चुनाव लड़ने वाले निर्दलीय उम्मीदवार भी ऐसे ही दावे करते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘बिहार के लोग राजनीतिक रूप से परिपक्व हैं। वे लालू प्रसाद की तरह अराजकता वाली सरकार को वापस लाने की गलती नहीं करेंगे।’’

गिरिरज सिंह के इस्पात नगरी पहुंचने पर भाजपा की जमशेदपुर महानगर कमेटी ने अपने अध्यक्ष सुधांशु ओझा के नेतृत्व में सर्किट हाउस में उनका (सिंह) गर्मजोशी से स्वागत किया।

मंत्री ने हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली झारखंड सरकार की भी आलोचना की तथा उस पर आदिवासी समुदायों के हितों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया।

सिंह ने आरोप लगाया, ‘‘खुद एक आदिवासी होने के बावजूद सोरेन का झुकाव झारखंड के आदिवासियों की तुलना में बांग्लादेशी घुसपैठियों की ओर अधिक है।’’

उन्होंने दावा किया कि सीमा पार से अनियंत्रित घुसपैठ के कारण झारखंड के एक दर्जन से अधिक जिलों की जनसांख्यिकी रूपरेखा बदल गई है।

केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि सोरेन सरकार बांग्लादेशियों के साथ राज्य में ‘विशेष अतिथि’ जैसा व्यवहार कर रही है। उन्होंने कहा कि सोरेन को आदिवासियों के हितों की रक्षा के लिए काम करना चाहिए।

भाषा प्रीति मनीषा

मनीषा

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