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Thursday, August 21, 2025

अशोक गहलोत ने इजराइल-ईरान संघर्ष पर केंद्र सरकार की ‘चुप्पी’ पर सवाल उठाया

Newsअशोक गहलोत ने इजराइल-ईरान संघर्ष पर केंद्र सरकार की 'चुप्पी' पर सवाल उठाया

जयपुर, 23 जून (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ईरान और इजराइल के बीच चल रहे संघर्ष पर केंद्र सरकार की कथित ‘चुप्पी’ पर सवाल उठाते हुए कहा कि आज भारत कुछ बोल क्यों नहीं पा रहा है।

उन्होंने गुटनिरपेक्ष आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि इंदिरा गांधी के कार्यकाल में भारत इस आंदोलन में अग्रणी था।

उन्होंने कहा, ‘‘आज भारत कुछ बोल नहीं पा रहा है, क्यों नहीं बोल पा रहा है? इंदिरा गांधी के शासनकाल में गुटनिरपेक्ष आंदोलन को आगे बढ़ाया गया, हिंदुस्तान उनका नेता था…। हमारी पहचान थी कि हमलोग निर्गुट हैं।’’

उन्होंने यहां प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में संजय गांधी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘इजराइल और ईरान के बीच युद्ध चल रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति कह रहे थे कि पंद्रह दिन बाद बताऊंगा,‘‘ मुझे क्या करना है’’ लेकिन रात में ही वह मैदान में उतर जाते हैं, हमला कर देते हैं। जो कुछ हो रहा है उसपर भारत कुछ बोल नहीं पा रहा है। वह क्यों नहीं बोल पा रहा है?’’

ईरान-इजराइल युद्ध पर सोनिया गांधी के हालिया लेख पर उन्होंने कहा कि उन्होंने जो कुछ भी कहा वह जनता और देश के हित में है।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत इतना बड़ा लोकतांत्रिक देश है, लोग हमसे उम्मीद करते हैं। सोनिया गांधी ने ये सारी बातें सोच-समझकर कही हैं, इसलिए भाजपा बेचैन हो गई, जबकि सकारात्मक सोच वाले लोग सोनिया गांधी के लेख का अच्छे ढंग से विश्लेषण कर रहे हैं और लोग इसकी तारीफ भी कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी के समय में पांच सूत्री कार्यक्रम था, जिसमें दहेज प्रथा, अशिक्षा, जातिगत भेदभाव, परिवार नियोजन और पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई थी।

गहलोत ने कहा कि ये क्रांतिकारी कदम थे।

उन्होंने कहा कि इनमें से पर‍िवार न‍ियोजन जैसे कुछ सुधारों की खासकर आपातकाल के दौरान आलोचना हुई थी, लेकिन वे ‘‘दूरदर्शी’’ थे।

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे समय में जब भारत की आबादी लगभग 140 करोड़ है, कल्पना कीजिए कि उन कार्यक्रमों के बिना हम कहां होते।’’

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ये तमाम बातें मैं समझता हूं कि आज के दिन हमें याद करनी चाहिए।’’

जातिगत जनगणना कराने के कांग्रेस के प्रयासों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ राहुल गांधी जिस प्रकार से समाज को बदलने की बात कर रहे हैं, जातिगत जनगणना का एक क्रांतिकारी कदम उन्होंने उठाया है। उसे आने वाला ज़माना याद करेगा।’’

उन्होंने कहा कि इससे अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, अन्य पिछड़ा वर्गों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों और सामान्य श्रेणियों के लिए समावेशी कल्याणकारी रणनीति तैयार करने में मदद मिलेगी।

उन्होंने निरंतर सुधारों के लिए प्रतिबद्धता का श्रेय कांग्रेस पार्टी को दिया और जवाहरलाल नेहरू से लेकर राजीव गांधी तक पार्टी के नेताओं के योगदान का हवाला दिया। उन्होंने पार्टी द्वारा किए गए सुधारों को गिनाया जिनमें मतदान की आयु घटाकर 18 वर्ष करना एवं प्रौद्योगिकी एवं दूरसंचार को आमजन तक पहुंचाना आदि शामिल है।

गहलोत ने कहा क‍ि आजादी से पहले भी, चाहे वह महात्मा गांधी हों, जवाहर लाल नेहरू, मौलाना आज़ाद या सरदार पटेल… कांग्रेस पार्टी ने क्रांतिकारी कदम उठाए और आजादी के बाद भी अनेक क्रांतिकारी कदम उठाए गए।

भाषा पृथ्वी

राजकुमार

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