मुंबई, 23 जून (भाषा) राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के अंकों में कथित तौर पर हेराफेर करने के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार किये गए दो व्यक्तियों को मुंबई की एक अदालत ने जमानत दे दी।
अदालत ने कहा कि अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी लंबित रहने तक जमानत देने से इनकार करना उचित नहीं है।
संदीप शाह और सलीम पटेल को 10 जून को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने नीट-यूजी(राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक) 2025 के अभ्यर्थियों और उनके परिवारों को धोखा देने के आरोप में गिरफ्तार किया था। एजेंसी के मुताबिक, वे दावा करते थे कि वे अंकों में हेरफेर कर सकते हैं और इसके लिए प्रति उम्मीदवार 90 लाख रुपये वसूल रहे थे।
विशेष सीबीआई न्यायाधीश वी.पी देसाई ने 21 जून के अपने आदेश में उल्लेख किया कि सीबीआई ने अनुरोध किया था कि दोनों को जमानत नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि तीन अन्य को अभी गिरफ्तार किया जाना बाकी है। इस आदेश का विवरण सोमवार को उपलब्ध हुआ।
अदालत ने कहा कि जांच अधिकारी के अनुसार, एक आरोपी राजीव सिन्हा संभवतः देश छोड़कर भाग गया है, जबकि दो अन्य बिहार में हैं और उनका पता नहीं चल पाया है।
अदालत ने कहा, ‘आज भी जांच अधिकारी के पास यह बताने के लिए कोई ठोस जानकारी नहीं है कि आरोपी को कब गिरफ्तार किया जाएगा। सिर्फ इसलिए कि अन्य आरोपियों को अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है, जमानत खारिज करने का आधार नहीं हो सकता।’
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