मुंबई, 23 जून (भाषा) महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेता संदीप देशपांडे ने यहां विधान भवन में आयोजित संसद और राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों के विधानमंडलों की प्राक्कलन समितियों के राष्ट्रीय सम्मेलन में बैनर मराठी भाषा में नहीं होने को लेकर राज्य सरकार की आलोचना की।
देशपांडे ने स्कूलों में हिंदी भाषा को अनिवार्य किए जाने और त्रिभाषा फार्मूले के खिलाफ दादर क्षेत्र में हस्ताक्षर अभियान में भाग लिया था।
उन्होंने कहा कि बैनर केवल हिंदी और अंग्रेजी में हैं।
देशपांडे ने कहा कि संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन के दौरान चिंतामनराव देशमुख ने नेहरू मंत्रिमंडल से वित्त मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।
देशपांडे ने कहा कि वह अपनी टिप्पणी के लिए विशेषाधिकार हनन नोटिस का सामना करने के लिए तैयार हैं और मराठी भाषा के लिए जेल जाने के लिए भी तैयार हैं।
महाराष्ट्र विधानपरिषद की उपसभापति नीलम गोरहे ने कहा, ‘‘मराठी हमारी मातृभाषा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया है। छोटी-छोटी बातों पर आलोचना अनावश्यक है।’’
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि सम्मेलन का आयोजन लोकसभा सचिवालय ने किया है और इसलिए बैनर हिंदी और अंग्रेजी में थे।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर महाराष्ट्र सरकार ने समारोह का आयोजन किया होता तो बैनर मराठी में होते।’’
शिंदे और गोरहे के अलावा, सम्मेलन में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर और विधानपरिषद के सभापति राम शिंदे भी शामिल हुए।
भाषा यासिर सुभाष
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