ठाणे, 23 जून (भाषा) महाराष्ट्र के ठाणे जिले के शाहपुर के एक गांव में सड़क न होने के कारण एक गर्भवती महिला को ‘डोली’ (पालकी) में ले जाकर एम्बुलेंस तक पहुंचाना पड़ा।
यह मामला देश की वित्तीय राजधानी मुंबई से महज 100 किलोमीटर दूर ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे की गंभीर खामियों को उजागर करता है।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो व्यापक रूप से प्रसारित हुआ, जिसमें 21 वर्षीय संगीता रविन्द्र मुकणे को उसके पैतृक गांव चाफेवाड़ी से सोमवार अपराह्न डेढ़ बजे ‘डोली’ में बैठाकर एक किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित मुख्य सड़क गैडांड रोड पर खड़ी एम्बुलेंस तक ले जाया जा रहा था।
स्थानीय कार्यकर्ता प्रकाश खोडका ने कहा, ‘‘उसे प्रसव पीड़ा शुरू हुई, इसलिए उसे तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता थी। उसे डोली में ले जाना पड़ा क्योंकि चाफेवाड़ी तक कोई सड़क नहीं है, इसलिए एम्बुलेंस को गैडांड रोड पर इंतजार करना पड़ता है। हम 2025 में हैं लेकिन बड़े शहरी केंद्रों के इतने करीब के इलाकों की स्थिति तब भी यही है।’’
खोडका ने कहा, ‘‘बार-बार अपील के बावजूद नादगांव ग्राम पंचायत ने सड़क निर्माण के लिए कुछ नहीं किया है। चाफेवाड़ी भी नादगांव ग्राम पंचायत का हिस्सा है। देरी के कारण एम्बुलेंस पहुंचने से पहले ही उसे दौरा पड़ गया, जिसके बाद उसे ठाणे सिविल अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उसकी हालत स्थिर बताई है।’’
उन्होंने बताया कि सड़क न होने के कारण उसकी जान को खतरा हो सकता था।
नादगांव ग्राम पंचायत और जिला प्रशासन के अधिकारियों से टिप्पणी के लिए संपर्क नहीं हो सका।
भाषा प्रीति प्रशांत
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