नयी दिल्ली, 23 जून (भाषा) आसियान देश भारत के साथ 2009 में हस्ताक्षरित वस्तुओं के मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की समीक्षा पर जारी वार्ता की प्रगति में बाधा डाल रहे हैं।
एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि वार्ता बहुत धीमी गति आगे बढ़ रही है।
समझौते की समीक्षा भारतीय उद्योग की लंबे समय से चली आ रही मांग है। भारत आसियान के साथ एक उन्नत समझौते की उम्मीद कर रहा है, जो द्विपक्षीय व्यापार में मौजूदा विषमताओं को दूर करेगा और व्यापार को अधिक संतुलित और टिकाऊ बनाएगा।
अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, ”अब तक, वार्ता के नौ दौर पूरे हो चुके हैं। वे बहुत धीमी गति से आगे बढ़ रहे हैं। बहुत कम प्रगति हुई है। आसियान वार्ता में बाधा डाल रहा है।”
उन्होंने कहा कि समझौते को लागू करने के बाद भारत का निर्यात सालाना केवल 38-39 अरब अमेरिकी डॉलर रहा, जबकि 10 देशों वाले आसियान से आयात बढ़कर 86 अरब डॉलर हो गया है।
आसियान देशों ने भारत के लिए कम संख्या में शुल्क श्रृंखला या उत्पाद श्रेणियां खोली हैं। भारत ने आसियान देशों को 71 प्रतिशत से अधिक शुल्क श्रृंखलाओं पर शुल्क रियायत की पेशकश की है।
आसियान के सदस्यों में ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमा, फिलिपीन, सिंगापुर, थाइलैंड और वियतनाम शामिल हैं।
इंडोनेशिया ने अपनी 41 प्रतिशत शुल्क श्रृंखलाएं, वियतनाम ने 66.5 प्रतिशत शुल्क श्रृंखलाएं और थाइलैंड ने 67 प्रतिशत शुल्क श्रृंखलाएं खोली हैं।
अधिकारी ने कहा कि भारतीय उद्योग इस समझौते से बिल्कुल भी खुश नहीं है।
भाषा पाण्डेय अजय
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