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Tuesday, June 24, 2025

मराठी बनाम हिंदी: महाराष्ट्र के तीन भाषा फॉर्मूले पर संजय राउत का विरोध, सरकार पर मराठी के अपमान का आरोप

Fast Newsमराठी बनाम हिंदी: महाराष्ट्र के तीन भाषा फॉर्मूले पर संजय राउत का विरोध, सरकार पर मराठी के अपमान का आरोप

मुंबई, 24 जून (भाषा) महाराष्ट्र में स्कूलों में मराठी और अंग्रेजी के अलावा तीसरी भाषा के रूप में हिंदी पढ़ाने को लेकर पैदा विवाद के बीच शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) सांसद संजय राउत ने मंगलवार को दावा किया कि राज्य सरकार का इस मुद्दे पर एक के बाद एक बैठकें करने का कदम मराठी भाषा का ‘‘अपमान’’ है।

राउत ने पत्रकारों से बातचीत में मराठी साहित्य की प्रमुख शख्सियतों और हस्तियों की ‘‘चुप्पी’’ पर भी सवाल उठाया और दावा किया कि इनमें से कई सरकार से जुड़े होने के कारण इस मुद्दे पर बोल नहीं रहे हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि कई कैबिनेट मंत्रियों और साहित्यिक हस्तियों के बच्चे अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में पढ़ते हैं, इसलिए उनके पास मराठी भाषा के संरक्षण के बारे में बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है।

राज्य सरकार ने पिछले सप्ताह एक संशोधित आदेश जारी किया था जिसमें कहा गया था कि मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में कक्षा एक से पांच तक के विद्यार्थियों को हिंदी ‘‘सामान्यतः’’ तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाई जाएगी, जिसके बाद इस पर विवाद पैदा हो गया।

सरकार ने कहा कि हिंदी अनिवार्य नहीं होगी तथापि उसने हिंदी के अलावा किसी अन्य भाषा का अध्ययन करने के लिए स्कूल में प्रत्येक कक्षा में कम से कम 20 छात्रों की सहमति अनिवार्य कर दी।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार रात को एक बैठक की और कहा कि तीन भाषा फॉर्मूले पर अंतिम फैसला लेखकों, भाषा विशेषज्ञों और राजनीतिक नेताओं समेत सभी पक्षकारों के साथ बातचीत के बाद लिया जाएगा।

राउत ने सरकार की नीति और इस मुद्दे पर बैठकों को लेकर उसकी आलोचना की।

शिवसेना (यूबीटी) नेता ने दावा किया, ‘‘महाराष्ट्र में हिंदी सीखने के लिए दबाव बनाने की कोई जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इस पर जोर क्यों दे रहे हैं? वह इसकी आड़ में कुछ और कर रहे हैं।’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘क्या मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने मराठी के प्रचार के लिए कभी बैठकें कीं? फडणवीस और एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के दुश्मन हैं।’’

मराठी हस्तियों पर कटाक्ष करते हुए राउत ने कहा कि दक्षिण के अभिनेता प्रकाश राज ने तीन भाषा नीति के तहत हिंदी थोपे जाने के खिलाफ स्पष्ट रुख अपनाया है।

उन्होंने कहा, ‘‘नाना पाटेकर कहां हैं? प्रशांत दामले कहां हैं? माधुरी दीक्षित कहां हैं? हमारे मराठी क्रिकेटर कहां हैं? मराठी लोगों ने उनकी उपलब्धियों का समर्थन किया और उनका जश्न मनाया, लेकिन जब मराठी भाषा पर हमला किया जा रहा है, तो वे चुप हो गए।’’

इस बीच, कोंकण मराठी साहित्य परिषद ने मंगलवार को युवा छात्रों के लिए महाराष्ट्र सरकार के तीन भाषी फॉर्मूले का विरोध करते हुए दावा किया कि यह ‘‘अनुचित और अनुपयुक्त’’ है।

परिषद ने एक बयान में दावा किया कि सरकार की नीति, सीखने के प्रारंभिक चरण में बच्चों की संज्ञानात्मक, भावनात्मक और भाषाई क्षमता पर विचार नहीं करती।

उसने कहा, ‘‘कोंकण मराठी साहित्य परिषद के दृष्टिकोण से, पहली कक्षा से चौथी कक्षा तक के विद्यार्थियों की मानसिक, शारीरिक और बौद्धिक क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए, पहली कक्षा से ही तीसरी भाषा के रूप में हिंदी पर जोर देना अनुचित प्रतीत होता है।’’

भाषा

गोला नरेश

नरेश

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