नयी दिल्ली, 28 मई (भाषा) केंद्र ने अंतर-सेवा संगठन अधिनियम के तहत बनाए गए नियमों को अधिसूचित किया जिनसे सशस्त्र बलों में अधिक संयुक्तता और कमान दक्षता संभव होगी।
रक्षा मंत्रालय ने 27 मई को इस संबंध में राजपत्र अधिसूचना जारी की।
मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में कहा कि इस महत्वपूर्ण कदम का उद्देश्य अंतर-सेवा संगठनों (आईएसओ) की प्रभावी कमान, नियंत्रण और कुशल कार्यप्रणाली को बढ़ावा देना है, जिससे सशस्त्र बलों के बीच संयुक्तता और मजबूत होगी।
बयान में कहा गया कि इन नियमों की अधिसूचना के साथ, अंतर-सेवा संगठन (कमान, नियंत्रण और अनुशासन) अधिनियम 2023 अब ‘‘पूरी तरह से लागू हो गया है’’। इससे आईएसओ के प्रमुखों को सशक्त बनाया जा सकेगा, अनुशासनात्मक मामलों का शीघ्र निपटान किया जा सकेगा और कार्यवाही के दोहराव से बचने में मदद मिलेगी।
बयान में कहा गया, ‘‘यह अधिनियम आईएसओ के कमांडर-इन-चीफ और ऑफिसर-इन-कमांड को उनके अधीन सेवारत सेवा कार्मिकों पर कमान और नियंत्रण रखने का अधिकार देता है, जिससे संगठनों के भीतर प्रभावी अनुशासन और प्रशासन सुनिश्चित होता है। यह सशस्त्र बलों की प्रत्येक शाखा पर लागू विशिष्ट सेवा शर्तों में बदलाव किए बिना हासिल किया जाता है।’’
इस संबंध में विधेयक 2023 में संसद के मानसून सत्र के दौरान दोनों सदनों द्वारा पारित किया गया।
बयान में कहा गया, ‘‘इसे 15 अगस्त, 2023 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली और आठ मई, 2024 के राजपत्र अधिसूचना के अनुसार यह अधिनियम 10 मई, 2024 से लागू हो गया। इसके बाद, 27 दिसंबर, 2024 की राजपत्र अधिसूचना संख्या एसआरओ 72 के माध्यम से आईएसओ को अधिसूचित किया गया।’’
भाषा धीरज वैभव
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